नई दिल्ली,
केंद्र सरकार ने आज
संसद में जानकारी
दी कि दिल्ली
दुग्ध योजना डीएमएसः
के दूध का
बिक्री मूल्य कम करने
का कोई प्रस्ताव
नहीं है और
इसके प्रबंधन के
लिए वह साझेदार
की तलाश नहीं
कर रही है।
केंद्रीय कृषि और
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग
राज्यमंत्री चरण दास
महंत ने राज्यसभा
में विनय कटियार
के प्रश्न के
लिखित उत्तर में
बताया कि डीएमएस
फैट और सॉलिड
नॉन फैट (एसएनएफ)
के आधार पर
29.50 रुपये प्रति किलोग्राम की
दर से दूध
खरीद रहा है।
डीएमएस दूध के
डबल टोंड, टोंड
और फुल क्रीम
दूध का वर्तमान
बिक्री मूल्य क्रमशः 26 रुपये,
30 रुपये और 39 रुपये है
जिसमे 90 पैसे प्रति
लीटर का खुदरा
विकेता का मुनाफा
शामिल है। वर्तमान
में इसे कम
करने का कोई
प्रस्ताव नहीं है।
मंत्री द्वारा दिये गये
उत्तर में पिछले
दो वर्षों 2011-12 और
2012-13 के लिए डीएमएस
के दूध के
बिक्री मूल्य की सूची
भी दी गई
जिसके अनुसार दो
साल में तीनों
तरह के दूध
की कीमत में
तकरीबन 20 प्रतिशत वृद्धि हुई
है।
अप्रैल,
2011 में डबल टोंड,
टोंड और फुल
क्रीम दूध का
मूल्य क्रमशः 22, 25 और
33 रुपये था।महंत ने दिलीप
पंड्या के एक
अन्य प्रश्न के
लिखित उत्तर में
बताया कि डीएमएस
की संस्थापित दुग्ध
उत्पादन और पैकिंग
क्षमता 5 लाख लीटर
प्रति दिन है।
पंड्या ने एक
प्रश्न में पूछा
था कि क्या
सरकार डीएमएस के
प्रबंधन के लिए
साझेदार की तलाश
कर रही है
क्योंकि इसमें अच्छी तरह
से काम नहीं
हो रहा है।
इस पर मंत्री
ने `नहीं' में
जवाब दिया। हालांकि
उन्होंने बताया कि अमूल
ब्रांड के तहत
दूध की बिक्री
करने वाले गुजरात
सहकारी दुग्ध विपणन संघ
(जीसीएमएमएफ) के अध्यक्ष
ने सरकार को
पत्र लिखकर डीएमएस
का कामकाज अपने
हाथ में लेने
का प्रस्ताव दिया
था।
कृषि राज्यमंत्री ने बताया
कि जीसीएमएमएफ से
अनुरोध किया गया
है कि वे
इस मामले में
विभिन्न पहलुओं को शामिल
करते हुए व्यापक
और विस्तृत प्रस्ताव
भेजें जिसमें डीएमएस
की परिसंपत्तियों का
मूल्यांकन और आधुनिकीकरण,
डीएमएस के कानूनी
विवादों तथा देयताओं,
अंशपूंजी डालने और डीएमएस
के कर्मचारियों को
काम पर लगाने
की शर्तें आदि
शामिल हों। महंत
के मुताबिक जीसीएमएमएफ
की ओर से
इस तरह का
प्रस्ताव नहीं मिला
है।
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