मुम्बई ‘मेरे पिया गए रंगून’ और ‘कभी आर कभी पार’ जैसे चर्चित गानों को अपनी मखमली आवाज से सजाने वाली मशहूर गायिका शमशाद बेगम का 94 वर्ष की अवस्था में मुम्बई में निधन हो गया। यह जानकारी उनके पारिवारिक सूत्र ने बुधवार को दी।
पिछले कुछ महीने से बीमार चल रहीं शमशाद का मंगलवार को निधन हो गया। 1955 में पति की मौत के बाद वह अपनी बेटी उषा रात्रा के साथ रह रही थीं।
अंधेरी पश्चिम में मंगलवार रात हुए उनके अंतिम संस्कार में उनके कुछ मित्र और प्रशंसक शामिल हुए थे।
बॉलीवुड की पहली पाश्र्व गायिका शमशाद का जन्म 14 अप्रैल, 1919 को अमृतसर में हुआ था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत दिसम्बर 1947 में पेशावर रेडियो के साथ की थी।
‘कजरा मोहब्बत वाला’, ‘लेके पहला पहला प्यार’, ‘कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना’, ‘छोड़ बाबुल का घर’, ‘सैंया दिल में आना रे’ , ‘तेरी महफिल में किस्मत आजमा कर हम भी देखेंगे’ उनके चर्चित गानों में से हैं।
वह संगीत निर्देशक नौशाद अली और ओ.पी.नैयर की पंसदीदा गायिका थीं।
शमशाद ने हिंदी के अलावा पंजाबी, बंगाली और अन्य भारतीय भाषाओं में भी गाना गाया था।
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