डॉ. लीना श्रीवास्तव
मुस्कान को और खूबसूरत बनाने और दूधिया जगमगाहट के लिए इन दिनों दाँतों का ब्लीच ट्रीटमेंट खूब लोकप्रिय होता जा रहा है। दाँतों को चमकाने का यह एक ऐसा आसान और कारगर तरीका है, जिसमें मरीज को दर्द भी नहीं होता और समय भी कम लगता है। दाँतों को चमकाने के दो तरीके हैं। इनमें ब्लीचिंग जेल एवं स्पेशल लाइट सोर्स का प्रयोग प्रमुखता से इस्तेमाल किया जाता है।
क्या है तरीका
सबसे पहले मरीज के ऊपर और नीचे के दाँतों का नाप लेकर स्पेशल ट्रे तैयार किए जाते हैं। ये ट्रे बहुत ही आरामदायक, पारदर्शी एवं पतले होते हैं। ट्रेज में ब्लीचिंग जेल भर कर मरीज को 30 मिनट से 1 घंटे तक पहना दिए जाते हैं। ब्लीचिंग जेल में कार्बोमाइड पैराऑक्साइड जैसे ब्लीचिंग एजेंट का इस्तेमाल किया जाता है। यह एजेंट ऑक्सीजन उत्पन्न करता है, जो दाँतों के चैनल में अंदर तक घुसकर उन्हें चमकाती है।
इस प्रािढया में दाँतों के आकार-प्रकार को कोई नुकसान नहीं पहुँचता। इन दिनों एमोरफस केल्शियम फास्फेट का भी जेल में उपयोग किया जाता है। इसके प्रयोग से दाँतों में ठंडे-गरम का असर नहीं होता। ब्लीच इसलिए भी फायदेमंद है कि इसमें दाँतों की सतह को खुरचना नहीं पड़ता और न ही किसी तरह की घिसाई करना पड़ती है। इसलिए यह एक दर्दरहित प्रािढया के तौर पर मरीजों में लोकप्रिय होती जा रही है।
कुछ ही घंटों का समय
अत्याधुनिक पॉवर ब्लीच तकनीक से कुछ ही घंटों में दाँतों को दूधिया रंग में चमकाया जा सकता है, लेकिन परंपरागत तकनीक से दाँतों को चमकाने में हफ्तों लग सकते हैं। इसके अलावा दाँतों के आकार प्रकार में भी बदलाव आ सकता है।
दाँतों की चमक कितनी देर बनी रहेगी
आमतौर पर ब्लीचिंग से दाँतों की चमक 4 साल तक कायम रह सकती है। जो मरीज तंबाकू, सुपारी का सेवन करते हैं एवं अत्यधिक चाय काफी पीते हैं, उनके दाँत और भी कम समय में खराब हो सकते हैं। इसके लिए उन्हें जल्दी-जल्दी ब्लीचिंग के लिए डेंटिस्ट के पास आना पड़ता है।
दाँत चमकाने का फायदा?
यह आपकी मुस्कान को बेहद मोहक और सुंदर बना देता है। दरअसल बदरंग दाँतों का सबसे बुरा असर आपके व्यक्तित्व पर पड़ता है। आप जन सामान्य के बीच खुलकर आत्मविश्वास के साथ नहीं रह पाते हैं। यदि आपको एहसास है कि आपके दाँत बदरंग हैं तो आपकी मुस्कान बहुत छोटी होगी, क्योंकि आप दूसरों को अपने बदरंग दाँत नहीं दिखाना चाहेंगे। यदि आपको पता ही नहीं है कि आपके दाँत बदरंग हैं तो आप अनजाने में लोगों के सामने खुलकर हँसेंगे और अपने लिए निगेटिव पाइंट्स इकट्ठा कर लेंगे।
ब्लीचिंग की लागत
दाँत जितने ज्यादा खराब होंगे लागत उतनी ही ज्यादा बढ़ जाएगी। ट्रीटमेंट के तरीके के चयन पर भी लागत कम या ज्यादा हो सकती है। आमतौर पर ब्लीचिंग की लागत 3 से 5 हजार रुपए तक होती है। कुछ दिनों पहले छपी एक खबर ने सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचा था। वह खबर यह थी कि किसी लड़की ने पिछले 9-10 सालों से टूथ ब्रश यानी मंजन नहीं किया और हैरत में डालने वाली बात यह रही कि ऐसा होने के बावजूद उसे दांतों से संबंधित कोई समस्या नहीं है।
इस तथ्य से एक बात तो जाहिर है कि बाजार में उपलब्ध तरह-तरह के टूथ पेस्ट अपनेबड़े-बड़े वादों पर खरे नहीं उतरे हैं।
असल में दांतों से जुड़ी हर समस्या के पीछे हमारी गलत खानपान और रहन-सहन की आधुनिक जीवन शैली है। चाय-कॉफी जैसे बेहद गर्म पेय तथा कोलड्रिक्स दोनों ही दांतों की जड़ों को कमजोर और खोखला कर देते हैं। सात्विक, ताजा तथा प्राकृतिक खानपान और सफाई के प्रति जागरूकता ही हमें दातों की समस्या से स्थाई छुटकार दिला सककी है। तो आइये हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसे ही आयुर्वेदिक और प्राकृतिक उपचार के तरीके जो यकीनन आपको दांतों से जुड़ी हर दिक्कत से मुक्ति दिलाएंगे....
आजकल गलत खान-पान और ठीक से देखरेख न करने के कारण लोगों में दांत के दर्द की समस्या आम हो गई है। छोटे छोटे बच्चों को अक्सर दांत में दर्द होने की शिकायत होती है। आयुर्वेद में दांतों में दर्द की समस्या का बहुत आसान उपाय बताया है।
आयुर्वेद में एक कहावत है-
नमक महीन लीजिए, अरु सरसों का तेल।
नित्य मले रीसन मिटे, छूट जाए सब मैल।
सैंधा नमक को कपड़े से छान लें। नमक को हाथ पर रखकर उसमें सरसों का तेल मिला लें। इस मिश्रण से दातों पर हल्के-हल्के मसाज करें बाद में साफ पानी से कुल्ला कर लें।
इस विधि को अपनाने से आपको दातों की कई समस्याओं से निजात मिल जाएगी। इससे दातों में दांतों में पीलापन नहीं आता, दांत साफ और मजबूत होते हैं, कीड़े नहीं लगते, दर्द, मसूड़ों की सूजन, इनसे खून निकलना बन्द हो जाता है।
अन्य टिप्स- रोजाना सोने से पहले थोड़े से पानी में सेंधा नमक मिलाकर कुल्ला करने से दांतों की समस्या खत्म हो जाती है।
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