AABSLM

हमारी साइट में अपने समाचार सबमिट के लिए संपर्क करें

पुदीना, तुलसी, एलोवेरा, हल्दी और अजवाइन गर्मी में खाएं जमके, रहें तनके






 भारतीय रसोई में ऐसी चीजें इस्तेमाल में लायी जाती हैं जिनका औषधीय महत्व होता है। पाचीनकाल में जब खानपान में इतनी विविधता नहीं थी, उन दिनों विभिन्न जड़ी बूटियों का इस्तेमाल भोजन में खूब किया जाता था। उन जड़ी बूटियों का खाने पीने की चीजों में भी इस्तेमाल किया जाता था। रसोई के भीतर रखी ओखली और मूसल में इन जड़ी बूटियों को पीसकर इनका दवा के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता था। कई जड़ी बूटियों को तो पीसकर उनका चटनी के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। इतना ही नहीं इन जड़ी बूटियों का हमारे स्वास्थ्य के लिए विशेष महत्व होता था।


आज हम एक विकसित समाज में जी रहे हैं, हमारे खानपान के ढंग में बदलाव आ गए हैं। लेकिन रसोई में इस्तेमाल होने वाली जड़ी बूटियों, मसालों का हमारे स्वास्थ्य पर आज भी सकारात्मक और गहरा असर होता है। भारतीय रसोई में यह परंपरागत जड़ी बूटियां आज ज्यादा इस्तेमाल में लायी जा रही है। खासतौर पर गर्मी के मौसम में इनके महत्व को नकारा नहीं जा सकता।

पुदीना- भारतीय रसोई में पुदीने का इस्तेमाल पाचीनकाल से होता आया है। इसके औषधीय गुणों से भला कौन परिचित नहीं है। पूदीने की थोड़ी सी पत्तियों को बारीक पीसकर उसे अदरक के रस और काले नमक के साथ खाने से, हमारे भोजन का स्वाद बढ़ जाता है। यह गर्मी वफी तपन से भी राहत दिलाता है। पुदीने की पत्तियों को बारीक काटकर तैयार सब्जी के ऊपर मिलाकर खाएं, इससे पाचन शक्ति बढ़ती है। इसके अलावा यह पेट की वायु से भी निजात दिलाता है। गर्मी के दिनों में पूदीना "ंडक पहुंचाता है। "ंडा पूदीना और हरी मिर्च के साथ मिलाकर बनी हरी चटनी न केवल "ंडक देती है बल्कि इससे हिचकी भी बंद हो जाती है। पुदीने की पत्तियों से बना जलजीरा, पुदीने की चटनी, पुदीने का रायता और खीरे, पुदीने और टमाटर का मिलाजुला जूस गर्मी के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

तुलसी- हर हिंदू भारतीय घर में तुलसी का पूजा, उपासना के लिए होता है। इसके अलावा तुलसी की पत्तियों का रसोई में काफी इस्तेमाल किया जाता है, इसका औषधीय महत्व काफी ज्यादा है। तुलसी की पत्तियों को अन्य सब्जियों के जूस के साथ मिलाकर पीया जाता है। खाली पेट नीबू, तुलसी और अदरक का जूस मिलाकर पीएं इससे पाचन शक्ति बढ़ती है और कब्ज दूर होती है। लोग वायरल, फीवर, सामान्य बुखार में तुलसी की पत्तियों की चाय पीकर स्वस्थ हो जाते हैं। तुलसी हमारी रोग पतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है।

एलोवेरा- ऐलोवेरा एक ऐसी जड़ी बूटी है जिसका इस्तेमाल गर्मियों में काफी किया जाता है। गर्मी में त्वचा पर होने वाली घमौरियों की चुभन में एलोवेरा काफी लाभदायक होता है। तेज गर्मी में यदि त्वचा झुलस जाती है तो उस स्थान पर एलोवेरा का जूस लगाने से त्वचा को राहत मिलती है और कोशिकाओं को पुनर्निमाण के लिए पर्याप्त पोषण मिलता है। एलोवेरा का जूस लिवर और आंत के लिए फायदेमंद होता है और यह शरीर की उत्सर्जन पािढया को दुरुस्त करता है।

हल्दी- रसोई में इस्तेमाल होने वाली हल्दी गर्मी के दिनों में जोड़ों में होने वाले दर्द और ऑर्थराइटस के रोगियों के लिए औषधि का काम करती है। इसके लिए यदि कच्ची हल्दी की जड़ों का जूस निकालकर पीया जाए तो इससे फायदा होता है। इसके अलावा इसको दूध के साथ मिलाकर पीना फायदेमंद होता है। कच्ची हल्दी के जूस को सब्जियों के जूस के साथ मिलाकर पीया जा सकता है।

 अजवाइन- अजवाइन के पौधे का बेहद औषधीय महत्व है। इसके अलावा अजवाइन का भोजन में भी इस्तेमाल किया जाता है। रसोई घर में इस्तेमाल होने वाली इस जड़ी बूटी से यूरिन पांमण को काबू में किया जा सकता है। गर्मियों में यूरिन इंफेक्शन एक आम समस्या है। इसके अलावा अजवाइन का पौधा हमारी किडनी के ािढयाकलाप को सुचारू बनाता है। इसके अलावा यह किडनी में पाये जाने वाले स्टोन्स को भी नियंत्रात करने में सहायक होता है।

डॉ. माजिद अलीम

निवेदन :- अगर आपको लगता है की ये लेख किसी के लिए उपयोगी हो सकता है तो आप निसंकोच इसे अपने मित्रो को प्रेषित कर सकते है