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केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य और परि‍वार कल्‍याण मंत्री ने एनसीडीसी के नए भवन परि‍सर की आधारशिला रखी





केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य और परि‍वार कल्‍याण मंत्री श्री गुलाम नबी आजाद ने आज नई दि‍ल्‍ली में एनसीडीसी-राष्‍ट्रीय रोग नि‍यंत्रण केंद्र के नए भवन परि‍सर की आधारशिला रखी।

समारोह को संबोधि‍त करते हुए श्री आजाद ने कहा कि‍एनसीडीसी के नए भवन परि‍सर का शि‍लान्‍यास कि‍या जाना महत्‍वपूर्ण अवसर है। श्री आजाद ने कहा कि‍उन्‍होंने अमरीका में अट्लांटा में ऐसी एक संस्‍था देखी थी और भारत में इसी प्रकार के भवन बनाने का सपना देखा था। आज यह सपना साकार हो रहा है। उन्‍होंने कहा कि‍देश के पहले प्रधानमंत्री पंडि‍त जवाहर लाल नेहरू ने अपने सपने के अनुरूप दि‍ल्‍ली में देश का पहला ऐम्‍स बनाया। हाल ही में ऐसे छह ऐम्‍स देश के वि‍भि‍न्‍न भागों में बनाए गए हैं । इससे भारत में चि‍कि‍त्‍सा के इति‍हास में बड़ी क्रांति‍आई है। एनसीडीसी का उल्‍लेख करते हुए उन्‍होंने कहा कि‍इसने महत्‍वपूर्ण सेवा की है। संचारी रोगों के क्षेत्र में शि‍क्षा, प्रशि‍क्षण पर अनुसंधान के लि‍ए इसे विश्‍वस्‍तरीय संस्‍थान माना जाता है। ढांचागत वि‍स्‍तार, जनशक्‍ति‍के उन्नत प्रशि‍क्षण, नई प्रौद्योगि‍की के आगमन से यह संस्‍थान उभर रहे रोगों पर कारगर रूप से काबू पाने की जटि‍ल चुनौती का सामना करने में सक्षम हो जाएगा। प्रमुख संचारी रोगों पर नि‍गरानी और नि‍यंत्रण में एनसीडीसी ने महत्‍वपूर्ण भूमि‍का नि‍भाई है। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय 12वीं पंचवर्षीय योजनाओं में इसकी आठ शाखाओं को सशक्‍त बनाने और इसके अलावा देश के वि‍भि‍न्‍न भागों में इसकी 27 और शाखाएं खोलने का इच्‍छुक है। ऐसा हो जाने से हर राज्‍य में एनसीडीसी की शाखा हो जाएगी और सार्वजनि‍क स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं को प्रदान करने, नि‍गरानी में सुधार लाने और अन्‍य राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य कार्यक्रमों के लि‍ए डेटाबेस बनाने का काम आसान हो जाएगा। उन्‍होंने उम्‍मीद जाहि‍र की कि‍आने वाले समय में यह जनता की सेवा में प्रमुख भूमि‍का नि‍भाएगा। एनसीडीसी को पहले एनआईसीडी के नाम से जाना जाता था। मूल रूप में इसकी शुरूआत 1909 में हि‍माचल प्रदेश के कसौली में केंद्रीय मलेरि‍या ब्‍यूरो के रूप में की गई थी। बाद में इसका नाम बदलकर मलेरि‍या सर्वे ऑफ इंडि‍या रखा गया। 1938 में फि‍र इसका नाम बदलकर मलेरि‍या इंस्‍टटीयूट ऑफ इंडि‍या के रूप में इसे दि‍ल्‍ली में लाया गया। 1960 के दौरान देश भर में मलेरि‍या के मामले में बेहद कमी आने के बाद इसके कामकाज में अन्‍य संचारी रोगों को शामि‍ल कि‍या गया और 1963 में इसे एनआईसीडी का नाम दि‍या गया। 2009 में मूल संस्‍था के शताब्‍दी समारोह के समय इसे एनसीडीसी का नाम दि‍या गया। यह रोगों के नि‍यंत्रण के लि‍ए तकनीकी वि‍शेषज्ञता प्रदान करती है और प्रशि‍क्षि‍त जनशक्‍ति‍तैयार करने और तकनीकी मार्गदर्शन देने और देशभर में संचारी रोगों की राष्‍ट्रव्‍यापी नि‍गरानी में तालमेल का काम करती है। इसके पास रोग फैलने पर उसके अन्‍वेषण और प्रबंधन करने की वि‍शेषज्ञता प्राप्‍त है। हाल ही में एनसीडीसी ने एवि‍यन फ्लू, एचवन एनवन और सीसीएचएफ बुखार पर काबू पाने की अपनी सक्षमता प्रदर्शित की है। मंत्रि‍मंडल ने एनसीडीसी को उन्‍नत बनाने के लि‍ए 11वीं और 12वीं योजना में 382.41 करोड़ रुपए नि‍धारि‍त हैं। इनमें से 326.19 करोड़ रुपए नए भवन के लि‍ए है। उन्‍नत एनसीडीसी में नया भवन, आधुनि‍क उपकरण और अधि‍क जनशक्‍ति‍होगी। एनसीडीसी के उन्‍नत होने के बाद कई नए कार्यक्रम शुरू कि‍ए जा सकेंगे और यह अपनी प्रमुख भूमि‍का नि‍भाती रहेगी।

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