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स्‍वास्‍थ्य देखभाल सेवाओं में तेजी


लोगों को आवश्‍यक स्‍वास्‍थ्य देखभाल संबंधी सुविधाएं उपलब्‍ध कराना राज्‍य सरकारों की जिम्‍मेदारी है, क्‍योंकि जन स्‍वास्‍थ्‍य राज्‍यों का विषय है। जहां तक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान नई दिल्‍ली, जीपमर पुड्डुचेरी, पीजीआई चंडीगढ़ और दिल्‍ली में केंद्र सरकार के तीन अस्‍पतालों-सफदगंज अस्‍पताल, डॉक्‍टर राम मनोहर लोहिया अस्‍पताल और लेडिग हार्डिंग मेडिकल कॉलेज और उससे संबद्ध अस्‍पतालों की बात है, वहां सभी सुविधाएं आम लोगों को उपलब्‍ध है।

यह जानकारी लोकसभा में एक प्रन के लिखित उत्‍तर में स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री श्री गुलाब नबी आजाद ने दी। उन्‍होंने बताया कि क्‍लीनिकल स्‍टैब्लिशमेंट (रजिस्‍टेशन एंड रेगुलेशन) कानून 2010 अरूणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, मिजोरम, सिक्किम तथा सभी केंद्रशासित प्रदेशों में पहली मार्च 2012 से लागू कर दिया गया है। उत्‍तर प्रदेश, राजस्‍थान, बिहार और झारखंड में इस कानून को अपनाया है तथा बाकी राज्‍यों से इसे अपनाने का अनुरोध किया गया है। इस कानून के लिए वेब पोर्टल एनआईसी की सलाह के साथ विकसित किया गया है और क्‍लीनिकल स्‍टैब्लिशमेंट पंजीकरण को इस वेब पोर्टल के जरिए चालू कर दिया गया है।

उन्‍होंने बताया कि फिलहाल सरकार का स्‍वास्‍थ्‍य नियामक संस्‍था बनाने का कोई प्रस्‍ताव नहीं है, लेकिन जब क्‍लीनिकल स्‍टैब्लिशमेंट कानून 2010 पूरी तरह लागू हो जाएगा तब इसकी आवश्‍यकता की समीक्षा की जाएगी। 

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