सूचना और प्रसारण मंत्री श्री मनीष तिवारी ने आज एक मल्टी मीडिया पहल का अनावरण किया जो कि सरकार के कार्यक्रम और नीतियों के माध्यम से पिछले नौ सालों में विभिन्न क्षेत्रों में विकास की यात्रा को दर्शाता है।
‘‘भारत की कहानी की झलकियां’’ अति महत्वपूर्ण विषय वस्तु से मल्टी मीडिया पहल अधिकार संबंधी ढांचे के साथ जमीनी स्तर पर भागीदारी प्रशासकीयता और समावेशी विकास को रेखांकित करता है। मीडिया पहल की विषय वस्तु पिछले नौ साल में प्रमुख कानूनों के माध्यम से संस्थागत रूप से लागू हो चुके विकास प्रक्षेपवक्र को पुष्ट करती है।
टीवी, रेडियो, प्रिंट और आउटडोर प्रचार की संपूर्ण मल्टी मीडिया पहल इन प्रयासों में जनता की व्यापक भागीदरी को प्रोत्साहित करने की सूचना और मूल्यांकन के उद्देश्य के साथ की जायेगी।
इस अवसर पर बोलते हुए सूचना और प्रसारण मंत्री ने कहा कि यह पहल एकता और करूणा को प्रोत्साहित करके समान विकास और सामाजिक समावेशन की सरकार की यात्रा के संदर्भ में है जोकि समाज के सभी वर्गों में व्याप्त हो चुका है। इसने सामाजिक आजीविका के बेहतर अवसरों की उपलब्धता, सामाजिक सुरक्षा के जाल द्वारा सामाजिक समावेशन को गति दी है और इसीलिए जीवन की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
मंत्री महोदय ने कहा कि प्रमुख क्षेत्रों विशेषकर शिक्षा, स्वास्थ्य, दूरसंचार, ग्रामीण और शहरी ढांचागत और बुनियादी सुविधाओं में हासिल की गई वास्तविक प्रगति ने लोगों विशेषकर युवाओं में विश्वास की एक भावना पैदा की है। उन्होंने कहा कि मल्टी-मीडिया की पहल ने बडी आकांक्षा और दृढ संकल्प के साथ आगे बढ रहे देश की प्रेरक उर्जा देने वाली झलकियां उपलब्ध करायी हैं।
एक टीवी कार्यक्रम में रेल के डिब्बे में सफर करते समाज के विभिन्न हिस्सों से आये लोगों की बातचीत के द्वारा देश के विकास के इतिहास के एक मोड और मील के पत्थर को कैद करके दर्शाया गया है। एक समय अवधि से बाहर निकलकर लिए गये इस प्रकार के मोड बिंदू वाले ऐतिहासिक निर्णयों का लाभ देश की जनता को एक यर्थाथवादी आशावाद का संदेश देना है।
प्रचार वाक्य ‘‘मीलों हम आ गये, मीलों हमें जाना है’’ हमें आर्थिक विकास और सामाजिक समानता की चुनौतियों का सामना करने की सक्षमता को सुनिश्चित करने के लिए आगे बढने की आवश्यकता को रेखांकित करता है। यह पहल सरकार के मानव विकास एजेंडे की उन वास्तविक जीवन गाथाओं को भी समाहित करेगा जिसने लोगों की जिंदगियों को छुआ और रूपांतरित किया है। देश के सबसे गरीब और हाशिये पर पडे लोगों तक पहुंचाने के लिए इस पहल को 11 क्षेत्रीय भाषाओं में प्रसारित किया जायेगा।
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