वन और पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती जंयती नटराजन ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने केन्द्रीय प्लास्टिक इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संस्थान, अहमदाबाद के माध्यम से 2010-11 के दौरान ‘60 शहरों में प्लास्टिक अपव्यय के मूल्यांकन और मात्रा निर्धारण’ पर एक अध्ययन को पूरा किया है। इस अध्ययन के अनुसार देश में प्लास्टिक अपव्यय की कुल मात्रा का लगभग 15,342.46 टन प्रतिदिन हो जाने का अनुमान है। कुल प्लास्टिक अपव्यय जिसका देश में अभी संग्रहण और रिसाइकलिंग होती है उसकी अनुमानित मात्रा लगभग 9205 टन प्रतिदिन है, और लगभग 6137 टन प्रतिदिन संग्रहित नही हो पाता है।
मंत्री महोदया ने आगे कहा कि अन्य बातों के अलावा इस संग्रह से बचे हुए प्लास्टिक अपव्यय से जुडी हुई समस्याऐं है जिसमें शामिल हैं 1. प्लास्टिक थैलियों से निकासी का ठप हो जाना जो कि अस्वस्थ पर्यावरण और जल जनित बिमारियों का कारण बन रहा है, 2. कुडे के ढ़ेर से प्लास्टिक खाने से पशुओं की बिमारी और संभावित मौत का कारण बनता है, 3. मिट्टी में डाली गई प्लास्टिक के गैर सडनशील और अप्रभावित प्रकृति का होने के कारण यह भूमिगत जलदायी जल स्तर को फिर से चार्ज होने से रोक देता है, 4. प्लास्टिक उत्पादों में संकलनीय, अभिघट्य, भरने वाला, अग्निरोधी और पिगमेंटस का उपयोग होने के कारण इसमें स्वास्थ्य और भूमिगत जल पर विपरीत प्रभाव छोडने की संभावना रहती है।
श्रीमती जंयती नटराजन ने बताया कि वन और पर्यावरण मंत्रालय प्लास्टिक (अपव्यय प्रबंधन और संभलना) नियम 2011 अधिसूचित कर चुका है। यह नियम अन्य विषयों के अलावा विशेषतौर पर प्लास्टिक थैलों के बारे में कहता है कि उनकी न्यूनतम मोटाई 40 माइक्रोन होनी चाहिए; खाद्य सामग्री रिसाइकिल्ड और खाद प्लास्टिक में पैक नही हो सकती है; कोई भी प्लास्टिक थैला उपभोक्ता को मुफ्त नही उपलब्ध कराया जाना चाहिए; और प्लास्टिक पदार्थ का किसी भी रूप में गुटके, पान मसाले और तंबाकू की पैकिंग में उपयोग नही होना चाहिए। प्लास्टिक अपव्यय प्रबंधन की व्यवस्था का इस नियम में वर्णन किया गया है। केन्द्र शासित प्रदेशों के संबंध में राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और प्रदूषण नियंत्रण समितियों को पंजीकरण, निर्माण और रिसाइकलिंग के संबंध में नियम के प्रावधानों को कार्यान्वित करने की एजेंसी के रूप में वर्णित किया गया है। संबंधित नगर निकाय को इस्तेमाल करने, इक्ट्ठा करने, अलग करने, यातायात और प्लास्टिक अपव्यय का निपटारा करने के लिए इस नियम के अनुसार कार्यान्वित करने की एजेंसी के रूप में वर्णित किया गया है।
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