अनचाहे वाणिज्यिक संदेशों (यूसीसी) को नियंत्रित करने के लिए ट्राई ने 'द टेलिकॉम कमर्शियल कम्युनिकेशन कस्टमर प्रिफरेंस (12वां संशोधन) विनियमन 2013 जारी कर दिया है।
ट्राई ने इससे पहले भी यूसीसी की बुराई को दूर करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। इसी तरह का ''विनियमन 2010'' एक दिसम्बर, 2010 को जारी किया गया, जो 27 सितंबर, 2011 को प्रभावी हुआ। इसके अलावा प्रचालन संबंधी मुद्दों के लिए भी कई संशोधन और निर्देश जारी किए गए।
ट्राई के साथ टेली मार्केटर के रूप में पंजीकृत हुए बिना जानबूझकर टेलीमार्केटिंग गतिविधियों में संलग्न ग्राहकों पर नियंत्रण के लिए नियामक ढांचे को मजबूत करने के लिए विनियमक 2013 जारी किया गया है। ये ग्राहक पंजीकृत टेलीमार्केटरों की तरह शुल्क का भुगतान नहीं करते और पंजीकृत टेलीफोन मार्केटरों के अधिकारों का हनन करते हैं।
विनियमन की प्रमुख बातें इस प्रकार हैं : -
1. वैध यूसीसी शिकायत की स्थिति में मूल पैठ प्रदाता को ऐसे ग्राहक को आबंटित सभी दूरसंचार स्रोतों का संपर्क उचित जांच के बाद काट देने चाहिए। यह प्रावधान तुरंत प्रभावी हो गया है।
2. ऐसे ग्राहक का नाम और पता दो साल के लिए काली सूची में डाल देना चाहिए। काली सूची में दर्ज होने के बाद सभी पैठ प्रदाताओं द्वारा दूरसंचार स्रोतों को चौबीस घंटे के भीतर काट देना चाहिए।
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वर्तमान में उपलब्ध शिकायत निवारण प्रणाली ग्राहक की शिकायत दूर करने के लिए उपलब्ध रहेगी।
'द टेलीकॉम कमर्शियल कम्यूनिकेशन कस्टमर प्रिफरेंस (12वां संशोधन) विनियमन, 2013 ट्राई की वेबसाइट www.trai.gov.in. पर उपलब्ध है। अन्य किसी स्पष्टीकरण के लिए श्री ए.राबर्ट जे. रवि, सलाहकार (सीए एंड क्यूओएस) से 011-23230404 या ई-मेल-advqos@trai.gov.in. पर संपर्क किया जा सकता है।
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