भारतीय प्रशासनिक सेवा के उम्मीदवार श्री वी.वाई. मंजूनाथ की आत्महत्या की दुखद खबर पर संघ लोक सेवा आयोग ने खेद व्यक्त किया है। आयोग ने इस घटना पर दु:ख व्यक्त करते हुए मंजूनाथ के परिवार को अपनी संवेदना व्यक्त की है।
लेकिन आयोग ने इस मामले की पूरी जांच की है और तथ्य इस प्रकार है :
श्री वी.वाई. मंजूनाथ सुपुत्र श्री यादव मूर्ति वीपी ने सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा, 2012 के लिए आवेदन किया था। उन्हें क्रमांक 538950 दिया गया था और उनका परीक्षा केन्द्र बंगलोर निर्धारित किया गया था। उम्मीदवार ने वास्तव में क्रमांक 538950 के रूप में बंगलोर केन्द्र से परीक्षा दी थी। लेकिन उन्हें सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा, 2012 में सफलता नहीं मिली। सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा, 2012 के लिए जारी सफल उम्मीदवारी की सूची में क्रमांक 538950 श्री वी.वाई. मंजूनाथ का नाम नहीं था। इस तरह कुछ अखबारों में छपी खबरों के विपरित श्री वी.वाई. मंजूनाथ भारतीय प्रशासनिक सेवा की मुख्य परीक्षा के उम्मीदवार नहीं थे और वह मुख्य परीक्षा तथा साक्षात्कार में शामिल नहीं हुए।
संघ लोक सेवा के रिकॉर्ड से इस बात की पुष्टि हुई है कि क्रमांक 538950 या वी.वाई. मंजूनाथ नाम से कोई उम्मीदवार न तो मुख्य परीक्षा में बैठा और न ही साक्षात्कार में।
आयोग को 7 मई, 2013 को श्री वी.वाई. मंजूनाथ के कथित मित्र श्री जी.एस. प्रदीप कुमार की और से एक फैक्स संदेश मिला था, जिसमें कहा गया था कि आयोग द्वारा घोषित परिणाम सूची में श्री वी.वाई. मंजूनाथ के बदले श्री बी. अश्विन क्रमांक 538745 बताया गया है। स्वयं उम्मीदवार की ओर से आयोग को न तो कोई पत्र मिला और न कोई अभिवेदन।
आयोग के रिकॉर्ड के अनुसार इस बात की पुष्टि होती है कि श्री बी. अश्विन सुपुत्र श्री के. भास्करन क्रमांक 538745 उम्मीदवार थे और उन्हें सिविल सेवा (प्रारंभिक) तथा सिविल सेवा (मुख्य) परीक्षा, 2012 में सफलता मिली और आयोग द्वारा जारी सूची में उनका नाम है। इस तरह आयोग द्वारा घोषित परिणाम सही है और सही रूप से क्रमांक 538745 श्री बी. अश्विन का नाम दर्शाया गया है।
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