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उत्‍तर भारत के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और राहत अभियान



कल शाम तक प्राप्‍त सूचना के आधार पर उत्‍तराखंड, हिमाचल प्रदेश और दिल्‍ली राज्‍यों में बचाव और राहत अभियानों की ताजा स्थिति इस प्रकार है -
1. उत्‍तराखंड
राज्‍य सरकार से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार जून, 2013 महीने के दौरान क्षेत्र में जारी लगातार वर्षा के कारण उत्‍तराखंड के विभिन्‍न हिस्‍सों में जान और माल की भारी क्षति हुई है।
राज्‍य सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार नुकसान की स्थिति इस प्रकार है -
प्रभावित जिलों की संख्‍या                           09
मृतकों की संख्‍या                                  71
घायलों की संख्‍या                                  53
लापता लोगों की संख्‍या                             23
पशुधन की हानि                                   1,157
क्षतिग्रस्‍त हुए मकानों की संख्‍या                      366 पूरी तरह से ध्‍वस्‍त  
                                                272 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्‍त
क्षतिग्रस्‍त हुए सेतु                                 21
विभिन्‍न स्‍थानों में फंसे तीर्थ यात्री                    62, 122
सुरक्षित स्‍थानों पर पहुंचाए गए व्‍यक्तियों की संख्‍या      22, 392 (केदारनाथ-1295, चमोली-8878, उत्‍तरकाशी-7219, टिहरी-2000, पिथौड़ागढ़-3000)





राहत और बचाव उपाय –

·         सेना, वायुसेना, राष्‍ट्रीय आपदा राहत बल, भारत-तिब्‍बत सीमा पुलिस और सशस्‍त्र सीमा बल और राज्‍य सरकार की मदद से खोज, राहत और बचाव अभियान चलाए जा रहे हैं।
·         सेना, वायुसेना और नागरिक प्रशासन के 22 हेलीकाप्‍टर राहत और बचाव कार्य में लगाए गए हैं।
·         खाद्य सामग्री की कोई कमी नहीं है। हालांकि खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग तथा पेट्रोलियम मंत्रालय ने 18 जून, 2013 को सौ मीट्रिक टन चावल और बीपीएल दरों पर 60 किलोलीटर मिट्टी का तेल भेजने की राज्‍य सरकार से अपील की जा चुकी है।
·         आवश्‍यक वस्‍तुओं और खाद्य सामग्री के पैकेट हवाई सेवा के माध्‍यम से गिराए जा रहे हैं।
·         आवश्‍यक साजो-सामान के साथ 442 कार्मिकों के 13 राष्‍ट्रीय आपदा राहत बल खोज और बचाव अभियान में राज्‍य सरकार की सहायता के लिए तैनात किए गए हैं। उनकी तैनाती की स्थिति इस प्रकार है :- 

Ø      रुद्र्प्रयाग जिले के विभिन्‍न प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव के लिए पाँच दल (174 कार्मिक) तैनात किए गए हैं।
Ø      राहत और बचाव के लिए हरिद्वार के प्रभावित क्षेत्रों में तीन दल (89 कार्मिक) तैनात किए गए हैं।
Ø      राहत और बचाव अभियान के लिए गुप्‍तकाशी में एक दल (33 कार्मिक) तैनात किया गया है।
Ø      राहत और बचाव अभियान के लिए लक्‍सर में एक दल (29 कार्मिक) तैनात किया गया है।
Ø      राहत और बचाव अभियान के लिए गौरीकुंड में एक दल (40 कार्मिक) तैनात किया गया है।
Ø      देहरादून में एक दल (45 कार्मिक) तैनात किया गया है।
Ø      जौली ग्रांड हवाई अड्डे पर एक दल (12 कार्मिक) तैनात किया गया है।

·        उत्‍तराखंड में कल एनडीआरएफ दलों ने 51 लोगों को बचाया।
·        स्थिति की समीक्षा के लिए गृह सचिव की अध्‍यक्षता में प्रतिदिन बैठकें की जा रही हैं और उत्‍तराखंड तथा हिमाचल प्रदेश में राहत और बचाव उपायों का जायजा भी लिया जा रहा है।
·        आवश्‍यक सहायता और जरूरी सामग्री की सुविधा बढ़ाने के लिए गृह मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारी उत्‍तराखंड सरकार के संबंधित वरिष्‍ठ अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं।
·        भारतीय मौसम विभाग के मुताबि‍क उत्‍तराखंड में सामान्‍य 71.3 मिलीमीटर वर्षा की तुलना में 385.1 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गयी है जो 01 जून से 18 जून, 2013 के दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के दौरान होने वाली वर्षा से 440 प्रतिशत अधिक है।
·        प्रधानमंत्री ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और इस आपदा में मारे गए प्रत्‍येक व्‍यक्ति परिवार को प्रधानमंत्री राहत कोष से दो-दो लाख रुपये की क्षतिपूर्ति राशि देने की घोषणा की है। राज्‍य के प्रभावित क्षेत्रों के दौरे के दौरान प्रधानमंत्री ने उत्‍तराखंड के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष से एक हजार करोड़ रुपये के पुनर्वास पैकेज की भी घोषणा की।
·        केन्‍द्रीय गृह सचिव के नेतृत्‍व में एक उच्‍च स्‍तरीय केन्‍द्रीय दल ने 19 जून, 2013 को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और केन्‍द्रीय एजेंसियों एवं राज्‍य सरकार के अधिकारियेां द्वारा किए जा रहे राहत कार्यों में तेजी लाने और फंसे हुए लोगों को जल्‍द निकालने के लिए चलाए जा रहे अभियानों की समीक्षा की।
·        राष्‍ट्रीय आपदा राहत बल के एक दल और भारत-तिब्‍ब‍त सीमा पुलिस के भी एक दल को केदारनाथ और गौरीगांव में चलाए जा रहे बचाव अभियान में सहायता करने के लिए तैनात किया जा चुका है। मौसम के बिगड़ने से पहले 19 जून तक हेलीकाप्‍टरों का उपयोग करते हुए बचाव अभियान चलाए जा रहे थे।
·        आईटीबीपी के एक दल ने गोविंदघाट और जोशीमठ के बीच फंसे हुए यात्रियों को निकालने का काम किया।
·        एनडीआरएफ, आईटीबीपी और राज्‍य सरकार के अधिकारियों के साथ हुई गृह सचिव की बैठक में यह फैसला लिया गया कि फंसे हुए यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए घनघरिया में हेलीकाप्‍टर तैनात किए जाएं।
·        यह भी फैसला लिया गया कि आईटीबीपी जिले की सभी घाटियों में फंसे हुए ग्रामीणों और तीर्थयात्रियों की जरूरतों के मुताबिक उन्‍हें सहायता प्रदान करने के लिए पिथौरागढ़ से दल भेजेगा।


2. हिमाचल प्रदेश

राज्‍य सरकार से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार जून, 2013 महीने के दौरान क्षेत्र में जारी लगातार वर्षा के कारण हिमाचल प्रदेश के विभिन्‍न हिस्‍सों में जान और माल की भारी क्षति हुई है।

राज्‍य सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार नुकसान की स्थिति इस प्रकार है -
प्रभावित जिलों की संख्‍या                           01
मृतकों की संख्‍या                                  11
क्षतिग्रस्‍त मकानों की संख्‍या                               4 पूरी तरह ध्‍वस्‍त
                                                25 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्‍त


                                                                       
राहत और बचाव उपाय –

·         सेना, वायुसेना, राष्‍ट्रीय आपदा राहत बल, भारत-तिब्‍बत सीमा पुलिस और राज्‍य सरकार की मदद से खोज, राहत और बचाव अभियान चलाए जा रहे हैं।
·          खाद्य सामग्री की कोई कमी नहीं है। 
·         आवश्‍यक साजो-सामान के साथ राष्‍ट्रीय आपदा राहत बल के 61 कार्मिक बचाव अभियान में राज्‍य सरकार की सहायता के लिए तैनात किए गए हैं।
·          स्थिति की समीक्षा के लिए गृह सचिव की अध्‍यक्षता में प्रतिदिन बैठकें की जा रही हैं और प्रदेश में राहत और बचाव उपायों का जायजा भी लिया जा रहा है।
·         आवश्‍यक सहायता और जरूरी सामग्री की सुविधा बढ़ाने के लिए गृह मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारी हिमाचल प्रदेश सरकार के संबंधित वरिष्‍ठ अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं।


3. दिल्‍ली

राहत और बचाव उपाय –
·         केन्‍द्रीय जल आयोग (सीडब्‍ल्‍यूसी) के अनुसार दिल्‍ली में यमुना नदी पर बने रेल सेतु के आसपास बाढ़ की स्थिति गंभीर है। कल दोपहर तीन बजे यमुना का जलस्‍तर 207.00 मीटर के स्‍तर पर था जो खतरे के निशान 204.83 से 2.17 मीटर ऊपर है। हालांकि 06 सितम्‍ब्‍र, 1978 को आई पिछली गंभीर बाढ़ के 207.49 मीटर के स्‍तर से यह 0.49 मीटर नीचे है।
·         राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्‍ली सरकार ने निचले क्षेत्रों में रह रहे करीब पाँच हजार लोगों को सुरक्षित स्‍थानों पर पहुंचाया है।
·          राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र प्रशासन की ओर से किसी व्‍यक्ति के मरने की खबर नहीं है।
·          आवश्‍यक साजो-सामान के साथ राष्‍ट्रीय आपदा राहत बल के एक दल को दिल्‍ली के बोट क्‍लब पर राहत और बचाव अभियान के लिए तैनात किया जा चुका है।
·          गृह मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारी किसी भी प्रकार की सहायता और जरूरत के लिए दिल्‍ली सरकार के संबंधित वरिष्‍ठ अधिकारियों से लगातार संपर्क बनाए हुए हैं।

उत्‍तराखंड, हिमाचल प्रदेश और दिल्‍ली राज्‍यों में निगरानी कक्ष के माध्‍यम से गृह मंत्रालय लगातार स्थिति की निगरानी कर रहा है।

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