महिला और बाल विकास मंत्रालय ने मास मीडिया में महिलाओं के प्रति अशोभनीय प्रदर्शन के खिलाफ मीडिया अभियान चलाने के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने के लिए समिति का गठन किया है। महिलाओं के साथ यौन अपराधों की समस्या से निपटने के उपायों के संबंध में लिए 23.01.2013 को आयोजित सचिवों की समिति की बैठक में फिल्मों, टीवी कार्यक्रमों और विज्ञापनों में महिला सशक्तिकरण के सकारात्मक पहलुओं को उजागर करने तथा नकारात्मक, अनुचित, रूढिबद्ध विचार प्रदर्शित न करने के लिए एक सशक्त मीडिया अभियान चलाने का फैसला किया गया था। महिला और बाल विकास मंत्रालय के सचिव तथा सूचना और प्रसारण के सचिव की बैठक में मास मीडिया में ऐसे अभियान के लिए तौर-तरीके निर्धारित करने के लिए समिति गठित करने का निर्णय लिया गया। समिति के विचारार्थ विषय इस प्रकार हैं: 1. हर क्षेत्र में महिलाओं के लिए सम्मान की भावना पैदा करने के लिए प्रिंट और इलैक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिए मीडिया अभियान के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देना। 2. महिलाओं की छवि को और अधिक सकारात्मक, सक्रिय और सशक्त ढंग से दिखाने के लिए नवाचार अभियान/रणनीति का सुझाव देना जिसका समाज पर ज्यादा से ज्यादा प्रभाव पड़े तथा लोगों के महिलाओं के प्रति व्यवहार/सोच में बदलाव आए। 3. लड़कियों के महत्व के संबंध में परिवारों को जागरूक करने के लिए राष्ट्रीय अभियान चलाना। 4. महिला और बाल विकास मंत्रालय तथा सूचना और प्रसारण मंत्रालय के बीच उन सभी मुद्दों पर सहयोग के क्षेत्रों की पहचान करना जिसमें प्रिंट, इलैक्ट्रॉनिक के साथ-साथ सोशल मीडिया में सशक्त जनहित अभियान की ज़रूरत है। 5. यह समिति, महिला और बाल विकास मंत्रालय में अपर सचिव श्रीमती के. रत्ना प्रभा की अध्यक्षता में गठित की गई है। इसमें राष्ट्रीय महिला सशक्तिकरण मिशन के कार्यकारी निदेशक सहित सूचना और प्रसारण मंत्रालय के डीएवीपी के महानिदेशक तथा महिला और बाल विकास मंत्रालय में संयुक्त सचिव (मीडिया) और आर्थिक सलाहकार शामिल हैं। महिला और बाल विकास मंत्रालय में निदेशक श्री अमित रे इसके संयोजक हैं। |
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