केन्द्रीय संस्कृति मंत्री श्रीमती चन्द्रेश कुमारी कटोच ने कहा कि क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्रों की भूमिका अभी देश में काफी अहम है, क्योंकि हमारी नई पीढ़ी बेहद व्यावसायिक और उपभोक्तावादी युग में पल-बढ़ रही है। क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्रों के निदेशकों के लिए चार दिन के प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि सेटेलाइट चैनलों के इस जमाने में लोगों के सामने सही दिशा का चयन करना एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि उनके सामने मौजूदा विकल्पों पर काफी बाहरी प्रभाव हो सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में विभिन्न कलाओं के संरक्षण, संवर्द्धन एवं प्रचार प्रसार और अपने सांस्कृतिक विरासत को लेकर लोगों में लगाव बढ़ाने में क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्रों की भूमिका उपयोगी साबित हो सकती है।
श्रीमती कटोच ने बताया कि सांस्कृतिक संसाधन एवं प्रशिक्षण केन्द्र (सीसीआरटी) द्वारा शुरू किया गया यह प्रशिक्षण कार्यक्रम एक ऐसी व्यवस्था बनाने की छोटी पहल है, जिससे संस्कृति मंत्रालय के विभिन्न अंग एक-दूसरे से लाभ उठा सकेंगे। उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय में 45 संगठन हैं, लेकिन यह ऐसी पहली कोशिश है, जिससे एक संगठन दूसरे की मदद कर रहा है। प्रशिक्षण में सीसीआरटी की विशेषज्ञता क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्रों के लिए उपयोगी साबित होगी, जो संस्कृति एवं सांस्कृतिक शिक्षा से जुडे विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
सीसीआरटी की भूमिका की सरहाना करते हुए श्रीमती कटोच ने बताया कि सीसीआरटी एक ऐसी संस्था है जो बौद्धिक विकास को बढ़ावा देती है। इसकी स्थापना कला और हस्तशिल्प परम्परा के समृद्ध सांस्कृतिक संसाधनों को शिक्षा से जोड़ने के उद्देश्य के साथ हुई थी। सीसीआरटी का मुख्य जोर छात्रों को सभी विकास कार्यक्रमों में संस्कृति के महत्व को लेकर जागरूक करना है। इसके लिए सेवारत शिक्षकों, उनके प्रशिक्षकों, शैक्षिक प्रशासकों और छात्रों के लिए देश भर में विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाये जाते हैं। इसका उद्देश्य अनपढ़ों या कम पढ़े-लिखे लेकिन प्रतिभावान लोगों और शिक्षा के क्षेत्र में प्रशिक्षक का काम कर रहे लेकिन कला और हस्तशिल्प परम्परा से अनभिज्ञ लोगों की कमियां दूर करना भी है। इसका इरादा कला और हस्तशिल्प की शिक्षा देना नहीं बल्कि सांस्कृतिक संसाधनों का विकास करना है, जो कला के जरिये शैक्षिक कार्यों में मददगार साबित हो सके। श्रीमती कटोच ने बताया कि सीसीआरटी ने भारत के 70 लाख शिक्षकों में से 10 हजार शिक्षकों को प्रशिक्षित किया है। यह आंकड़ा बढाने के लिए सीसीआरटी ने एनसीईआरटी के सीआईटी, आईजीएनसीए, आईएनटीएसीएच और अन्य प्रमुख एजेंसियों से सहयोग शुरू किया है। सीसीआरटी सांस्कृतिक शिक्षा के लिए दूरस्थ शिक्षण कार्यक्रम भी शुरू कर रहा है।
सीसीआरटी ने क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्रों के निदेशकों और इसके कर्मचारियों के लिए 25-29 जून तक और अन्य सांस्कृतिक संस्थानों के लिए 23-27 जुलाई 2013 तक 2 प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किये हैं।
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