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मानव सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं – उप राष्‍ट्रपति



उप राष्‍ट्रपति श्री हामिद अंसारी ने आज कहा कि मानव सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है। दूसरों की मदद करना अंतत: अपनी मदद करना है। श्री अंसारी यहां भगवान महावीर फाउन्‍डेशन द्वारा आयोजित समारोह में मानव सेवा क्षेत्र में उत्‍कृष्‍ट कार्य के लिए 16वें महावीर पुरस्‍कार प्रदान कर रहे थे। ये पुरस्‍कार ''अहिंसा और शाकाहारिता'' ''शिक्षा'' ''औषधि'' और ''सामुदायिक एवं सामाजिक सेवा'' क्षेत्रों में सराहनीय कार्यों के लिए प्रदान किए गए। इस पुरस्‍कार के अंतर्गत प्रशस्ति पत्र और स्‍मारक चिन्‍ह के साथ 10 लाख रुपये नकद भेंट किए जाते हैं।

श्री अंसारी ने महात्‍मा गांधी को उद्धृत करते हुए कहा कि अपने आपको पा लेने का सबसे अच्छा रास्‍ता अपने आपको दूसरों की सेवा में भूल जाना है। उन्‍होंने बताया कि अलबर्ट शेवित्‍जर ने भी कहा था कि मानव सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है। श्री अंसारी ने मानव सेवा और मानवीय मूल्‍यों को बढ़ावा देने के लिए भगवान महावीर फाउन्‍डेशन की सराहना की। श्री अंसारी ने वर्ष 2000 में संयुक्‍त राष्‍ट्र के सदस्‍यों द्वारा 2015 तक के लिए निर्धारित विकास लक्ष्‍यों का उल्‍लेख करते हुए कहा कि उस दिशा में हमारी प्रगति धीमी है। उन लक्ष्‍यों को हासिल करने के लिए सरकार के प्रयासों में गैर-सरकारी संगठनों और संस्‍थाओं सहित सभी को योगदान करना चाहिए।

16 वें महावीर पुरस्‍कार अंहिसा और शाकाहारिता को बढ़ावा देने के लिए सागर (मध्‍य प्रदेश) के मोहम्‍मद शफीक खान, ''शिक्षा'' के क्षेत्र में उत्‍कृष्‍ट कार्य के लिए चुरू (राजस्‍थान) के गांधी विद्या मंदिर, ''औषधि'' अनुसंधान के लिए सिल्‍चर (राजस्‍थान) के डॉ. आर. रवि कन्‍नान और सामुदायिक सेवा के लिए जोधपुर (राजस्‍थान) की श्रीमती सुशीला बोहरा ने प्राप्‍त किए। 

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