AABSLM

हमारी साइट में अपने समाचार सबमिट के लिए संपर्क करें

अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों के स्‍वामित्‍व वाले सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यमों की परिभाषा का स्‍पष्‍टीकरण



सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम मंत्रालय ने इन उद्यमों से सरकारी खरीद की नीति के संदर्भ में अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों के स्‍वामित्‍व वाले सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यमों की परिभाषा को स्‍पष्‍ट किया है। इस नीति के पैरा-16 की व्‍यवस्‍था के अनुसार उन सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यमों को अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों के स्‍वामित्‍व वाला माना जाएगा, जिनमें :- 

क. सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यमों के स्‍वामी अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति के होंगे। 

ख. यदि सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम साझेदारी वाला उद्यम है, तो अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति वाले भागीदार के इसमें कम से कम 51 प्रतिशत शेयर होंगे। 

ग. यदि सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम प्राइवेट कम्‍पनी है, तो अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति वाले प्रोमोटर के इसमें कम से कम 51 प्रतिशत शेयर होंगे। 

सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम विकास अधिनियम 2006 के अंतर्गत सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यमों के लिए सरकारी खरीद नीति का आदेश 2012 में अधिसूचित किया गया था। इसके अंतर्गत सभी केन्‍द्रीय मंत्रालयों / विभागों / केन्‍द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के लिए यह अनिवार्य कर दिया गया था कि वे 1 अप्रैल, 2012 से अपनी कुल वार्षिक खरीद में से कम से कम 20 प्रतिशत उत्‍पाद/ सेवाएं सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यमों से खरीदें। इस नीति में यह भी व्‍यवस्‍था है कि 20 प्रतिशत की खरीद में से 4 प्रतिशत खरीद अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों के स्‍वामित्‍व वाले सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यमों से की जानी चाहिए। 


निवेदन :- अगर आपको लगता है की ये लेख किसी के लिए उपयोगी हो सकता है तो आप निसंकोच इसे अपने मित्रो को प्रेषित कर सकते है