नई दिल्ली, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के दूरस्थ शिक्षा परिषद (डीईसी) को भंग करने
की आधिसूचना जारी की है और मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा (ओडिएल) के जरिये पा"dयक्रमपेश करने वाले विश्वविद्यालयों को इस संदर्भ में आयोग से मान्यता प्राप्त करने का निर्देश दिया है।
17 जून 2013 को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय का ग"न इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय अधिनियम 1985 के तहत मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए किया गया था। विश्वविद्यालय ने शिक्षा, मूल्यांकन और शोध का मानक निर्धारित करने और समन्वय के लिए अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए इग्नू अधिनियम 1985 के उपबंध 28 के तहत दूरस्थ शिक्षा परिषद ःडीईसीः का ग"न किया। अधिसूचना के अनुसार, इग्नू के विजिटर के रूप में भारत के राष्ट्रपति की मंजूरी से इग्नू अधिनियम के उपबंध 28 को समाप्त कर दिया गया है। यूजीसी ने कहा कि आयोग मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा के जरिये प्रदान की जाने वाली उच्च शिक्षा (तकनीकी शिक्षा के अलावा) के नियामक के रूप में काम करेगा। मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा (ओडिएल) के जरिये पा"dयक्रम पेश करने वाले विश्वविद्यालयों से इस संदर्भ में आयोग से मान्यता प्राप्त करने का निर्देश दिया गया है।
आयोग ने कहा है, आयोग ओडीएल प्रणाली और कोर्स के मानक के संदर्भ में नियमन तैयार करने की प्रक्रिया में है और इसमें कुछ और समय लगेगा। इस दौरान ओडीएल के नियमन के लिए आयोग ने डीईसी ःजो समाप्त कर दिया गयाः के ओडीएल संस्थाओं के मान्यता संबंधी न्यूनतम अर्हता दिशानिर्देश को अपनाया है।
डीईसी को समाप्त किये जाने के बारे में पूछे जाने पर इग्नू के कुलपति प्रो. एम असलम ने `भाषा' से कहा, सरकार ने इस आशय की व्यवस्था की है और इग्नू ने इसे अधिसूचित कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह अस्थायी व्यवस्था है जो प्रो. माधव मेनन समिति की सिफारिशों के आधार पर की गई है।
प्रो. असलम ने कहा, माधव मेनन समिति ने अपनी सिफारिशों में कहा है कि विश्वविद्यालय को नियामक निकाय नहीं होना चाहिए। डीईसी नियामक निकाय है। इसलिए डीईसी को स्वायत्त निकाय का स्थान प्रदान किया जा रहा है।
इग्नू के कुलपति ने कहा, नई व्यवस्था डीईसी को भंग करनेः से इग्नू पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और दूरस्थ शिक्षा प्रदान करने वाले शीर्ष विश्वविद्यालय के रूप में इग्नू बना रहेगा।
बहरहाल, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यूजीसीः के एक अधिकारी ने कहा कि अगली व्यवस्था तक यूजीसी दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रमों का नियमन करेगी।
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