• इस समय एक उच्चस्तरीय केन्द्रीय समिति उत्तरकाशी गई हुई है, जिसमें निदेशक, इमरजेंसी मेडिकल रिस्पॉन्स, निदेशक, रोग नियंत्रण का राष्ट्रीय केन्द्र और संयुक्त निदेशक, राष्ट्रीय वैक्टर बार्न डिजीजेस कंट्रोल प्रोग्राम (एनवीबीडीसीपी) शामिल हैं। • दो नई सार्वजनिक स्थास्थ्य टीमें देहरादून पहुंचने वाली हैं, जो इस समय वहां 24 जून, 2013 से मौजूद पहली सार्वजनिक स्वास्थ्य टीम का स्थान लेंगी। इस टीम में एनसीडीसी के दो सदस्य हैं, जो केन्द्रीय अस्पताल एनसीडीसी से हैं। ये दोनों पहली सार्वजनिक स्वास्थ्य टीम का स्थान लेंगी, जो वहां 24 जून, 2013 से मौजूद है। • केन्द्र सरकार के तीन अस्पतालों और डीएचएस, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के 34 सीनियर रेजिडेंट्स/ विशेषज्ञ डॉक्टर देहरादून रवाना हो गए हैं। ये वहां पर पहले से ही मौजूद सीएचएस डॉक्टरों में शामिल होंगे। • निमहन्स, बंगलौर की तीन डॉक्टरों की एक टीम मनोवैज्ञानिक सामाजिक राहत कार्य के लिए विभिन्न प्रभावित जिलों में तैनात कर दी गई है। • उत्तराखंड सरकार ने 171 जीडीएमओ और 57विशेषज्ञ (एनएस थिसिया, सर्जरी, सामान्य कार्य चिकित्सा, बालरोग विज्ञान और स्त्रीरोग) मांगे हैं। इस अनुरोध पर तेजी से डॉक्टरों को इकट्ठा करने की कार्रवाई की जा रही है। • केन्द्रीय अस्पतालों से दवाओं से भरा तीन ट्रक भेजे जा चुके हैं और इस पर लदी सामग्री को राज्य स्वास्थ्य प्राधिकारियों ने आगे वितरण करने के लिए प्राप्त कर लिया है। • राज्य को सात जरूरी दवाओं के साथ 10 लाख क्लोरीन गोलियां भेजी गई हैं। राज्य अधिकारियों ने दो करोड़ क्लोरीन गोलियों के लिए अनुरोध किया है। साथ ही 100 मीट्रिक टन ब्लीचिंग पाउडर और तीन लाख ओआरएस पैकेटों की मांग की हैं। इन्हें भेजने पर विचार किया जा रहा है। • एकीकृत रोग टोह कार्यक्रम (आईडीएसपी) की जिला यूनिटें और एनआरएचएम हर प्रभावित जिले में स्वास्थ्य संबंधी टोह लेने का काम कर रहे हैं। शुरूआती चेतावनी संकेत ग्रहण करने के बाद हरिद्वार (ज्वालापुर), उत्तरकाशी (उडवी) और रुद्रप्रयाग (चन्द्रपुरी)में डायरिया के अनेक मामले शुरूआती दौर में ही संभाल लिए गए हैं। प्रभावित क्षेत्रों में से कहीं से भी जल जनित/खाद्य जनित/वायु जनित अथवा सीधे सम्पर्क वाली बीमारियों के फैलने की खबर नहीं मिली। • राष्ट्रीय वैक्टरबार्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम का एक विशेषज्ञ दल राज्य सरकार के नियंत्रण में रख दिया गया है, जिसका इस्तेमाल वह वैक्टरबार्न बीमारियां रोकने में कर सकते हैं। • इंडियन रैड क्रास सोसाइटी ने दो सदस्यों वाली एक टीम उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ में 19 जून से तैनात कर दी हैं। इससे पहले यह टीम राष्ट्रीय हैडक्वार्टर में तैनात थी। हैडक्वार्टर से एक उच्च स्तर की टीम ने भी राज्य का दौरा किया है और यह टीम राज्य रैड क्रास यूनिट के साथ राहत कार्य में तालमेल कर रही है। • आईआरसीएस ने सात ट्रक राहत सामग्री प्रदान की है, जिनमें तम्बू, फैमिली पैक, किचन सैट, कम्बल, लालटेनें आदिशामिल हैं। • शव उठाने के लिए 1100 विशेष थैलों की व्यवस्था इंडियन रेड क्रास सोसाइटी ने की है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने भी 500 ऐसे थैले भिजवाए हैं। • स्थितिपर बराबर नजर रखी जा रही है। |
Home
» उत्तराखंड समाचार
» उत्तराखंड में अचानक वर्षा से संबंधी समस्याओं की स्थिति पर रिपोर्ट 04 जुलाई, 2013 की स्थिति
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
निवेदन :- अगर आपको लगता है की ये लेख किसी के लिए उपयोगी हो सकता है तो आप निसंकोच इसे अपने मित्रो को प्रेषित कर सकते है