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श्रीमती कृष्‍णा तीरथ ने मातृत्‍व लाभ अधिनियम 1961 पर आधारित राष्‍ट्रीय बैठक को संबोधित किया




केन्‍द्रीय महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती कृष्‍णा तीरथ ने आज यहां मातृत्‍व लाभ अधिनियम 1961 पर आधारित राष्‍ट्रीय बैठक की अध्‍यक्षता की। विभिन्‍न मंत्रालयों, नागरिक समाज संगठनों, शिक्षाविदों और अन्‍य हितधारकों के साथ इस राष्‍ट्रीय बैठक का उद्देश्‍य मातृत्‍व लाभ अधिनियम के प्रभावकारी कार्यान्‍वयन को प्रभावित करने वाले मुद्दे पर विचार-विमर्श करना है। 

इस अवसर पर, अपने भाषण में मंत्री महोदया ने कहा कि असंगठित क्षेत्र में नियोजित कुल लोगों में से आधी संख्‍या महिलाओं की है और उन्‍हें इस अधिनियम के लाभ नहीं मिलता है। उनमें से कई लोगों को इस अधिनियम के बारे में जानकारी भी नहीं है। इसमें घरेलू कामगार, कृषि मजदूर, निर्माण से जुड़े कामगार, वनवासी, मछुआरे आदि शामिल है। श्रीमती तीरथ ने बताया कि रोजगार खोने के भय से महिलाओं को प्रसव के बाद जल्‍द ही काम शुरू करने के लिए दबाव दिया जाता है। उन्‍होंने कहा कि इससे छोटे बच्‍चों के स्‍वास्‍थ्‍य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है क्‍योंकि वे ऐसे में सही समय पर मां का दुध पी नहीं सकते। उन्‍होंने कहा कि इसके परिणामस्‍वरूप मातृ मृत्‍यु दर और शिशु मृत्‍यु दर भी प्रभावित होती हैं। महिला और बाल विकास मंत्री ने कहा कि इस समस्‍या के निदान के लिए उपरोक्‍त अधिनियम में कुछ बदलावों की जरूरत है। 

इस अवसर पर, महिला और बाल विकास में सचिव सुश्री नीता चौधरी ने कहा कि इस सामूहिक विचार-विमर्श के दौरान, जो सुझाव दिये गये हैं, उन पर ध्‍यान देना जरूरी है। 

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