केंद्रीय संस्कृति मंत्री श्रीमती चन्द्रेश कुमारी कटोच ने आज राष्ट्रीय संग्रहालय में सजावटी कलाकृतियां-1 की नवीनीकृत गैलरी का उद्घाटन किया। सजावटी कलाकृतियां, उपयोगी वस्तुओं के डिज़ाइन और सजावट से संबंधित है। इस समूह की कलाकृतियां हाथी दाँत, जेड, सिरेमिक, वस्त्र, लकड़ी, धातु, कांच, कागज, चमड़ा और हड्डियों जैसी अनेक सामग्रियों से बनी दैनिक, रस्म-रिवाज और धार्मिक उपयोग के लिए तैयार की जाती है। वर्तमान सजावटी कलाकृति गैलरी में मुख्य रूप से हाथी दाँत, जेड और चीनी मिट्टी पर पर ध्यान केंद्रित किया गया है। प्रत्येक माध्यम की कलाकृतियों और उच्च दस्तकारिता के विविध स्वरूप को चित्रित करने के लिए 7 या 8 शोकेस के समूह में उचित प्रतिनिधित्व दिया गया है। हाथी दाँत के समूह में बक्से, सैंडल, उपयोगी कलाकृतियां और हिन्दुओं और ईसाइयों के धार्मिक व्यक्तियों के चित्रों को प्रदर्शित किया गया है। जेड समूह में कलाकृतियों की उपयोगिता को दर्शाया गया है जबकि चमकीली टाइलें नीले-सफेद मिट्टी के बर्तन आदि को सिरेमिक समूह में पहली बार दर्शाया गया है। तीन मुख्य श्रेणियों के अलावा विविध सामग्रियों से बनी कलाकृतियों की सहायता से दो शीर्षकों 'अवकाश/प्राचीन खेल' और 'सिंहासन कहानी' को विकसित किया गया है। दूसरे शीर्षक सिंहासन कहानी में सत्ता की सीट का विकास दर्शाया गया है। जो प्राचीन काल की नीची समतल सीट से आधुनिक हत्थे वाली कुर्सी की सिंहासन यात्रा की एक दिलचस्प कहानी है। कुछ धातु की 'हिन्दू और जैन पिटिकाएं', पत्थर के दो सिंहासन, बनारस के राजा की जवाहरात जड़ी कुर्सी को पायदान के साथ प्रदर्शित किया गया है। ध्यानस्थ बुद्धा और भगवान विष्णु के हाथी दाँत से बने दस अवतारों को दर्शाने वाले दशावतार मंदिर और कपड़े पर चित्रित 'ज्ञान चौपड़', कौरवों के राज दरबार आदि अनेक उत्कृष्ट कृतियों को इसमें प्रदर्शित किया गया है, जो 18वीं-19वीं शताब्दी के दौरान संरक्षकों और शिल्पकारों के शिल्प कौशल के कलात्मक स्वरूप को समझाने में सहायता प्रदान करती हैं। |
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