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उत्तराखंड में अचानक आई बाढ़:स्वास्थ्य क्षेत्र में 2-7-2013 तक की स्थिति जन्य रिपोर्ट




स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का तीन सदस्यीय एक उच्च स्तरीय दल जन स्वास्थ्य की स्थिति के आकलन और राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ समन्वय के लिए देहरादून में तैनात किया गया है ताकि स्वास्थ्य संबंधी सहायता की जो भी आवश्यकता है वह मुहैया कराई जा सके। इस दल में निदेशक, आपातकालीन चिकित्सा सहायता, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र के निदेशक और राष्ट्रीय रोग वाहक बीमारी नियंत्रण कार्यक्रम के संयुक्त निदेशक शामिल हैं।

स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक और स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव ने देहरादून का दौरा किया तथा स्वास्थ्य स्थिति की समीक्षा के लिए राज्य के वरिष्ठ अधिकारियो के साथ बातचीत की।

केन्द्रीय जन-स्वास्थ्य की तीन टीमें उत्तराखंड़ में नियुक्त हैं और उन्हें चमोली और जोशीमठ के प्रभावित इलाकों में तैनात किया गया है। जन-स्वास्थ्य से जुड़ी दो सदस्यीय तीन टीम देहरादून पहुंची है और उन्हें राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों की सहायता के काम में लगाया गया है। इनमें से दो टीम राष्ट्रीय संचारी रोग संस्थान- एनसीडीसी दिल्ली की है और एक अखिल भारतीय स्वास्थ्य विज्ञान एवं जन-स्वास्थ्य संस्थान- एआईआईएच एण्ड पीएच, कोलकाता की है। एआईआईएच-एण्ड पीएच, की एक और तीन सदस्य स्वास्थ्य टीम आज (2.7.2013) को पहुंचने वाली है।

पाँच हजार जल के नमूनों तक की जांच करने में सक्षम चालीस क्लोरोस्कोप और बड़ी मात्रा में रीएजेन्ट यानी अभीकर्मक द्रव्य भेजे गये हैं ताकि शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। भेजने के लिए और क्लोरोस्कोप मंगाये गये हैं। चलित जल शुद्धिकरण इकाई खरीदने और उन्हे राज्य सरकार को भेजने के बारे में जानकारी इकट्ठा की जा रही है।

राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं तंत्रिका विज्ञान-निमहैंस, बंगलौर की एक तीन सदस्यीय टीम मनोवैज्ञानिक-सामाजिक मदद के लिए बुधवार (3.7.2013)को देहरादून पहुंचने वाला है जो प्रभावित स्थानों पर निमहैंस और मानव व्यवहार और संबद्ध विज्ञान संस्थान- इहबास के वहां पहले से तैनात टीमों के साथ शामिल होंगी। यह टीम प्रभावित लोगों को मनोवैज्ञानिक विकार के ईलाज के लिए विशेष दवाएं प्रदान करेगी।

केन्द्र सरकार स्वास्थ्य योजना –सीजीएचएस दिल्ली से एकत्रित किये गये छह और डॉक्टर (जनरल डयूटी मेडिकल अधिकारी आज (2.7.2013) देहरादून पहुंच गये है। उनके साथ सीजीएचएस लखनऊ के चार और डॉक्टर हैं। ये सभी वहां पहले से तैनात 23 डॉक्टरों के साथ शामिल होंगे और उनकी संख्या बढ़कर 33 हो जाएगी। सीजीएचएस कानपुर से बुधवार (3.7.2013) को पाँच डॉक्टर पहुंच गये हैं। केन्द्रीय अस्पतालों और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अस्पतालों के जूनियर रेसिडेंट/मेडिकल अधिकारियों की एक सूची भी तैयार की जा रही है ताकि उन्हे अल्पकालीन सूचना पर तैनात किया जा सके।

केन्द्रीय सरकारी अस्पतालों के विशेषज्ञ चिकित्सकों की तीन टीमों को उत्तराखंड़ सरकार की सहायता के लिए तैनात किया गया है। इनमें दो हृद्य रोग विशेषज्ञ, दो चिकित्सा विशेषज्ञ और दो मनोचिकित्सक शामिल हैं। केन्द्रीय सरकारी अस्पतालों और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अस्पतालों के विशेषज्ञ डॉक्टरों की अन्य टीमें राज्य में तैनाती के लिए गठित की जा रही है।

केन्द्रीय अस्पतालों से दवाओं से भरे तीन ट्रक आगे वितरण के लिए भेजे गये हैं जिन्हें राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा प्राप्त कर लिया गया है।

राज्य सरकार के अनुरोध पर प्रभावित इलाकों में वितरण के लिए दस लाख क्लोरीन की गोलियां खरीदी गयी हैं और भेजी जा रही हैं। राज्य प्रशासन के आगे अनुरोध पर दो करोड़ क्लोरीन की गोलियां सौ मीट्रिक टन ब्लीचिंग पाउ़डर और तीन लाख मौखिक पुनर्जलीकरण घोल यानी ओरल रिहाईड्रेशन सौल्यूशन-ओआरएस को तीव्रता से भेजने की प्रक्रिया चल रही है।

राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम- आईडीएसपी की जिला इकाईयां सभी प्रभावित जिलों में लोगों के स्वास्थ्य पर नजर रख रही है। हरिद्वार में अलवलपुर, उत्तरकाशी में उदवी और रूद्र प्रयाग के चंद्रपुरी में अतिसार के मामलों की आरंभिक चेतावनी के बाद इसपर प्रारंभिक स्तर पर भी काबू पर लिया गया। प्रभावित क्षेत्रों में जल जनित/खाद्य जनित/वायु जनित या सीधे संपर्कों से होने वाली किसी भी बीमारी के फैलने की खबर नहीं है।

राष्ट्रीय रोगवाहक बीमारी नियंत्रण कार्यक्रम के एक विशेषज्ञ को राज्य सरकार के साथ संबद्ध किया गया है ताकि रोगवाहक बीमारियों के मामलों में सहायता प्रदान की जा सके।

भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी ने अपने मुख्यालय से दो सदस्यीय टीम 19 जून 2013 को उत्तरकाशी में और एक अन्य टीम पिथौरागढ़ में तैनात की है। मुख्यालय से एक उच्च स्तरीय टीम ने राज्य में स्वास्थ्य की स्थिति के आकलन तथा राज्य की रेड क्रॉस इकाई के साथ राहत कार्यो में समन्वय के लिए वहां का दौरा किया।

भारतीय रेड क्रास सोसाइटी ने सात ट्रक् राहत सामग्री मुहैया कराई है जिसमें टेंट, परिवार के काम के लिए आवश्यक सामग्री, रसोई के बर्तन, कंबल, लालटेन इत्यादि शामिल हैं।

भारतीय रेड क्रास सोसाइटी के माध्यम से शवों को ले जाने के लिए 1100 बैगों की व्यवस्था की गयी। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा खरीदे गये पाँच सौ और बैगों को भी भेजा जा रहा है।

स्थिति पर निगरानी रखी जा रही है।

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