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बाल यौन अपराध संरक्षण (पोक्‍सो) अधि‍नियम 2012 के प्रथम क्षेत्रीय सम्‍मेलन का उद्घाटन



महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती कृष्‍णा तीरथ ने आज यहां बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम 2012 के प्रथम क्षेत्रीय सम्‍मेलन का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर श्रीमती तीरथ ने बताया कि पोक्‍सो अधिनियम यौन अपराधों के बारे में ज्ञान कराने के साथ यौन उत्‍पीड़न का सामना कर चुके बच्‍चों को मैत्रीपूर्ण माहौल और संवेदनशील व्‍यवहार प्रदान करता है। उन्‍होंने कहा कि बच्‍चों को सुरक्षित माहौल प्रदान करने की जिम्‍मेदारी देश के सभी नागरिकों की है। महिला एवं बाल विकास मंत्री ने बढ़ते बाल यौन उत्‍पीड़न की मौजूदा स्थिति, खासतौर से यौन अपराधों से बच्‍चों की सुरक्षा एवं उनके संरक्षण के लिए मंत्रालय द्वारा उठाए गए विभिन्‍न पहलों का जिक्र करते हुए राज्‍य सरकारों से पोक्‍सो अधिनियम 2012 के क्रियान्‍वयन के लिए आवश्‍यक कदम उठाने का आग्रह किया है।

श्रीमती कृष्‍णा तीरथ ने कहा कि इस अधिनियम को स्‍कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए और बच्‍चों को इसके प्रावधानों के बारे में भी शिक्षित किया जाए। उन्‍होंने कहा कि यौन उत्‍पीड़न का सामना करने वाले बच्‍चों को बंद कमरे में कार्रवाई, अनुवादक और उचित चिकित्‍सा की सुविधा उपलब्‍ध कराई जानी चाहिए।

महिला एवं बाल विकास सचिव श्रीमती नीता चौधरी ने पोक्‍सो अधिनियम बनाने की मंशा और इसके मुख्‍य प्रावधानों के बारे में विस्‍तार से बताया। उन्‍होंने जोर देकर कहा कि यह केन्‍द्र और राज्‍य सरकारों का कर्तव्‍य है कि वे इस प्रकार के सम्‍मेलनों का आयोजन करें ताकि इस विषय पर जागरूकता बढ़े।

राष्‍ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की अध्‍यक्ष सुश्री कुशाल सिंह ने कहा कि पोक्‍सो अधिनियम में एनसीपीसीआर की निगरानी भूमिका का प्रावधान है। उन्‍होंने कुछ बुनियादी समस्‍यों के बारे में भी बताया।

इस सम्‍मेलन में केन्‍द्र और राज्‍यों के महिला एवं बाल विभाग, बाल अधिकार आयोग, शिक्षा विभाग, पुलिस अकादमी, न्‍यायिक अकादमी, विधि सेवा प्राधिकरण, गृह विभाग, स्‍वास्‍थ्‍य विभाग, यूनिसेफ एवं संयुक्‍त राष्‍ट्र महिला, प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्‍थान सहित कई महत्‍वपूर्ण विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया। दिल्‍ली, पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा, मध्‍य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, छत्‍तीसगढ़ जैसे कई राज्‍यों ने भी इस सम्‍मेलन में हिस्‍सा लिया।

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