केन्द्रीय गृह मंत्री ने आज नई दिल्ली में प्रैस वार्ता के दौरान जून, 2013 के लिए गृह मंत्रालय का मासिक रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया। पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने बताया कि दिनांक 5 जून, 2013 को, आंतरिक सुरक्षा के बारे में मुख्यमंत्री का सम्मेलन आयोजित किया गया तथा देश में आंतरिक सुरक्षा की स्थिति, जांच के व्यावसायीकरण, राज्य पुलिस बलों के आधुनिकीकरण, आसूचना विंगों के सुदृढ़ीकरण, राष्ट्रीय आतंकवाद-रोधी केन्द्र, साम्प्रदायिक सौहार्द, सीमा प्रबंधन, तटीय सुरक्षा, कारागार सुधार और कारागारों के आधुनिकीकरण, महिलाओं के प्रति अपराध तथा अपराध रोकने के लिए राज्यों द्वारा किए गए उपायों, पुलिस प्रशिक्षण और वामपंथी उग्रवाद पर चर्चा की गई। 2. दिनांक 05.06.2013 को, मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन के बाद, मैंने आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, ओडिशा, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों एवं पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री तथा झारखंड के राज्यपाल के साथ बैठक की एवं वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों में सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर चर्चा की। 3. दिनांक 24.06.2013 को, श्री रैंड बीयर्स, कार्यवाहक उप सचिव, होमलैंड सेक्योरिटी डिपार्टमेंट ऑफ यू एस ए ने नई दिल्ली में मुझसे मुलाकात की तथा तथा द्विपक्षीय सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा की। 4. उत्तराखंड राज्य में 16-17 जून, 2013 को हुई भारी वर्षा, बादल फटने और भू-स्खलन से गंभीर आपदा आई। 4200 गांवों सहित उत्तराखंड के सभी 13 जिले इससे प्रभावित हुए। आपदा इतनी व्यापक थी कि 580 लोगों की जानें गईं जबकि 4472 लोग घायल हुए। इसके अतिरिक्त 3975 से भी अधिक लोग (795 स्थानीय लोगों सहित) लापता हैं। यह स्थिति दिनांक 8 जुलाई, 2013 को थी। मलबा हटाए जाने के बाद मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। 5. माननीय प्रधानमंत्री ने प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया तथा प्रधानमंत्री राहत कोष से प्रत्येक मृतक के निकटतम संबंधी को 2 लाख रु. तथा प्रत्येक घायल व्यक्ति को 50,000/- रु. की अनुग्रह राशि प्रदान करने की घोषणा की। इसके अतिरिक्त, इस संबंध में राज्य को 1000 करोड़ रु. की सहायता प्रदान की गई और केन्द्र सरकार दिनांक 20.06.2013 को उत्तराखंड के लिए एस डी आर एफ से 145 करोड़ रु. की धनराशि पहले ही जारी कर चुकी है। 6. दिनांक 22.06.2013 को, मैंने उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के पदनामित सदस्य (श्री वी. के. दुग्गल), केन्द्रीय गृह सचिव और अन्य अधिकारियों के साथ उत्तराखंड का दौरा किया और खोज, बचाव और राहत अभियानों की प्रगति की समीक्षा की। दिनांक 28.06.2013 को, मैंने पुन: उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, सेना प्रमुख और केन्द्रीय गृह सचिव के साथ उत्तराखंड का दौरा किया। इस संबंध में दिनांक 02 जुलाई 2013 को सचिव (सीमा प्रबंधन) ने भी उत्तराखंड का दौरा किया। 7. दिनांक 16 जून, 2013 को, एन डी आर एफ ने उत्तराखंड में उपलब्ध अपने दल की नफरी बढ़ाने के लिए तत्काल अपने और दलों को उत्तराखंड भेजा। केन्द्रीय गृह सचिव ने संबंधित मंत्रालयों, जिसमें एन डी एम ए, बी आर ओ, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, रक्षा मंत्रालय, एन डी आर एफ, सड़क एवं भूतल परिवहन मंत्रालय के अधिकारी शामिल हैं, की बैठक बुलाकर उत्तराखंड एवं हिमाचल प्रदेश में स्थिति का नियमित जायजा लिया तथा उत्तराखंड में तलाशी, बचाव एवं राहत अभियानों का समन्वय किया। खोज और बचाव प्रयासों में तेजी लाने के लिए मंत्रिमंडल सचिव ने सभी संबंधित मंत्रालयों के साथ प्रतिदिन बैठकें कीं। केन्द्र एवं राज्य सरकार की उपुर्यक्त सभी एजेंसियों के समन्वित प्रयासों से 1,08,653 से अधिक लोगों को बचाया गया (दिनांक 08.07.2013 की स्थिति के अनुसार)। बचाव अभियानों की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:- (क) एन डी आर एफ के 14 दलों, जिनमें 449 कार्मिक थे, सेना के 6500 कार्मिक, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के 1200 कार्मिक शामिल थे, ने आपदा प्रबंधन कार्यों में राज्य सरकार की मदद की। (ख) एन डी आर एफ, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और सशस्त्र बलों ने लगभग एक लाख से अधिक लोगों को बचाया। (ग) भारतीय वायु सेना और सेना द्वारा एकल दिवस में तैनात किए गए हेलीकाप्टरों की संख्या क्रमश: 45 एवं 13 थी, जबकि लगभग 15 प्राईवेट हेलीकाप्टरों का भी उपयोग अभियान में किया गया। (घ) राज्य सरकार के अनुरोध के अनुसार, केन्द्र सरकार ने राज्य को 2000 टन गेहूं एवं 2000 टन चावल कम लागत पर आबंटित किए। (ङ) स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य सरकार की सहायता करने के लिए 80 डॉक्टर भेजे। (च) क्षतिग्रस्त 1350 ग्रामीण पेय जल आपूर्ति प्रणालियों में से, 950 पेय जल आपूर्ति प्रणालियों को पेय जल एवं स्वच्छता मंत्रालय द्वारा ठीक किया गया और उनको कार्यशील बनाया गया। (छ) राज्य में बड़ी संख्या में दूर संचार सुविधाओं को बहाल किया गया। इसके अतिरिक्त, उत्तराखंड एवं हिमाचल प्रदेश में आपदा प्रबंधन ड्यूटियों के लिए विभिन्न केन्द्रीय एवं राज्य सरकार की एजेंसियों के बीच 105 सैटेलाइट फोन वितरित किए गए। (ज) बचाव अभियानों के दौरान राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल (एन डी आर एफ) के नौ बहादुर कार्मिकों तथा भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के छह बहादुर कार्मिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी। 8. 4-13 जून, 2013 तथा 21-30 जून, 2013 के दौरान, सिख तीर्थयात्रियों के दो जत्थे क्रमश: गुरु अर्जुन देव जी के शहीदी दिवस तथा महाराजा रणजीत सिंह जी की बरसी के अवसर पर पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारों के दौरे पर भेजे गए। 9. दिनांक 13.06.2013 को, वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में विस्फोटकों/आई ई डी/बारूदी सुरंगों से संबंधित मामलों के विषय पर मानक प्रचालन प्रक्रिया (एस ओ पी), जो पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो द्वारा गठित एक विशेषज्ञ दल द्वारा तैयार की गई थी, वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों तथा केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को भेजी गई। दिनांक 25.06.2013 को, आम लोगों के साथ संपर्क से संबंधित विभिन्न पहलुओं के बारे में एक मानक प्रचालन प्रक्रिया वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों में तैनात केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को भेजी गई। 10. 29 मई, 2013 से 26 जून, 2013 की अवधि के दौरान, वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों को 08 परामर्शी-पत्र/चेतावनियां जारी की गईं। 11. जून, 2013 के दौरान सुरक्षा संबंधी व्यय योजना के अन्तर्गत जम्मू एवं कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश राज्य सरकारों को 190.09 करोड़ रु. की धनराशि की प्रतिपूर्ति की गई। 12. दिनांक 27.06.2013 को, अपर सचिव, गृह मंत्रालय की अध्यक्षता में विशेष अवसंरचना स्कीम (एस आई एस) संबंधी परियोजना अनापत्ति समिति की एक बैठक का आयोजन किया गया ताकि 11वीं योजना अवधि के दौरान योजना के अंतर्गत राज्यों को जारी धनराशि के उपयोग पर विचार किया जा सके। समिति ने आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड तथा ओडिशा राज्यों के लिए वर्ष 2013-14 हेतु विशेष बलों के स्तरोन्नयन/महत्वपूर्ण कमियों को दूर करने संबंधी परियोजना प्रस्तावों को भी अनुमोदित कर दिया। 13. दिनांक 19-20 जून, 2013 को म्यांमार तथा भारत के बीच 20वीं क्षेत्र स्तरीय (संयुक्त कार्य दल) की बैठक का आयोजन बागान, म्यांमार में किया गया। भारतीय पक्ष ने म्यांमार में भारतीय विद्रोही गुटों (आई आई जी) को उपलब्ध तथा पूर्वोत्तर में सतत विद्रोह के लिए उत्तरदायी शिविरों के संबंध में अपनी चिंता जताई। म्यांमार पक्ष से यह अनुरोध किया गया कि वे भारत-म्यांमार सीमा पर विद्रोही गुटों को अपनी गतिविधियों को अंजाम देने की अनुमति प्रदान न करें। दोनों पक्षों ने सशस्त्र समूहों की सीमा-पारीय आवाजाही को राकने, जब्त किए गए हथियारों के संबंध में सूचना के आदान-प्रदान तथा शस्त्रों की तस्करी/मादक पदार्थों के अवैध व्यापार को नियंत्रित करने में परस्पर सहयोग करने के संबंध में अपनी सहमति व्यक्त की। भारत-म्यांमार सीमा पर निर्माण कार्यों, अतिरिक्त मध्यवर्ती खंभों की स्थापना, अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में म्यांमार के मछुआरों द्वारा अवैध मानव व्यापार एवं अनधिकार प्रवेश तथा वन्य जीवों के अंगों के अवैध व्यापार सहित सीमा प्रबंधन संबंधी मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया गया। 14. उल्फा के साथ हुई वार्ता में प्रगति की समीक्षा करने तथा उनकी मांगों के संबंध में विचार-विमर्श करने के लिए भी दिनांक 26.06.2013 को, नई दिल्ली में केन्द्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में असम सरकार तथा यूनाइटेड लिब्रेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के प्रतिनिधियों एवं भारत सरकार के साथ एक त्रिपक्षीय बैठक आयोजित की गई। उल्फा प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व इसके अध्यक्ष, श्री अरबिंद राजखोआ ने किया था। उल्फा नेताओं की मांग थी कि सीमा पार से अवैध घुसपैठ को रोकने के लिए भारत-बंगलादेश सीमा की प्रभावी सुरक्षा हेतु अतिरिक्त उपाय करने की आवश्यकता है। उन्हें आश्वस्त किया गया कि केन्द्र सरकार अवैध अंतरागम को नियंत्रित करने के लिए सभी संभव कदम उठाने हेतु प्रतिबद्ध है तथा अंतर-राष्ट्रीय सीमा पर पहले से ही उठाए गए कदमों से सीमा पार से होने वाली अवैध घुसपैठ को काबू करने में मदद मिली है। 15. इस माह के दौरान, केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, आई बी, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल तथा सशस्त्र सीमा बल) को 388.53 एकड़ भूमि के अधिग्रहण के लिए 32.30 करोड़ रुपए तथा आई बी और केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल को कार्यालय/रिहायशी भवनों के निर्माण के लिए 96.07 करोड़ रु. की राशि स्वीकृत की गई। 16. केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीमा सुरक्षा बल, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल तथा भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) के 29 मामलों में उनके निकट संबंधियों को अनुग्रह मुआवजे के रूप में 3.22 करोड़ रु. की धनराशि स्वीकृत की गई। 17. जम्मू एवं कश्मीर सरकार के अनुरोध पर, श्री अमरनाथ जी यात्रा-2013 की यात्रा समाप्त होने तक सुरक्षा के लिए केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 90 कंपनियां (केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की 60 कंपनियां, (2 महिला कंपनियों सहित), सीमा सुरक्षा बल की 25 कंपनियां तथा सशस्त्र सीमा बल की 05 कंपनियां) दो चरणों में 15 जून, 2013 एवं 20 जून, 2013 से मुहैया करायी गई। 18. पश्चिम बंगाल में सुरक्षा की स्थिति तथा नक्सल-रोधी कार्रवाईयों के दृष्टिगत 13 जून, 2013 से उक्त राज्य में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की 06 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की गईं। 19. जमुई (बिहार) में दिनांक 14 जून, 2013 को नक्सलियों द्वारा ट्रेन पर किए गए हमले को देखते हुए, राज्य में 14 जून, 2013 से केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की 6 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की गईं। 20. अपराध एवं अपराधी खोज नेटवर्क प्रणाली (सी सी टी एन एस) के अंतर्गत, अब तक 31 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में सिस्टम इंटीग्रेटर्स (एस आई एस) के लिए संविदा पर हस्ताक्षर किए गए हैं तथा 22 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में सिस्टम इंटीग्रेटर्स को अग्रिम भुगतान किया जा चुका है। 21. दिनांक 21.05.2013 से 20.06.2013 की अवधि के दौरान, स्वापक नियंत्रण ब्यूरो ने 326.270 कि.ग्रा. भांग, 31.200 कि.ग्रा. अफीम, 11.450 कि.ग्रा. हेरोइन, 0.490 कि.ग्रा. मेथाक्वालोन और 0.251 कि.ग्रा. कोकीन जब्त की। इस अवधि के दौरान दो नाइजीरियाई राष्ट्रिकों समेत बाईस व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। जब्त किए गए स्वापकों की संयुक्त कीमत लगभग 1.70 करोड़ रु. है। 22. भारतीय दूतावास, कुवैत शहर, कुवैत, भारतीय दूतावास सोफिया, बुल्गारिया, भारतीय दूतावास बाकू, अजरबैजान में आप्रावासन वीजा एवं विदेशी पंजीकरण एवं तलाश (आई वी एफ आर टी) के तहत एकीकृत ऑनलाइन वीजा आवेदन प्रणाली शुरू की गई। यह सुविधा अब विदेशों में 120 भारतीय मिशनों में लागू है। 23. तटीय सुरक्षा स्कीम के तहत स्वीकृत 131 तटीय पुलिस थानों (सी पी एस) में से 129 के लिए भूमि की पहचान करने संबंधी कार्य को अंतिम रूप दे दिया गया है और इन 129 तटीय पुलिस थानों के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। 87 मामलों में भूमि का अधिग्रहण कर लिया गया है। निर्माण कार्य शुरू करने, वाहनों की खरीद तथा तटीय पुलिस थानों को परिचालनात्मक बनाने के लिए तटीय राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को 97.57 करोड़ रु. की राशि जारी की गई है। जून, 2013 के दौरान 4 तटीय पुलिस थानों के संबंध में निर्माण कार्य शुरू कर दिए गए हैं। 24. तटीय राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा 60 घाटों में से 44 घाटों के लिए भूमि की पहचान कर ली गई है और 10 घाटों के लिए भूमि अधिग्रहीत कर ली गई है। अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह के लिए सभी 10 समुद्री पुलिस परिचालन केन्द्रों हेतु भी भूमि की पहचान कर ली गई है। 25. सरकार ने भारत-चीन सीमा पर 805 कि.मी. के लिए 27 भारत-तिब्बत सीमा पुलिस की प्राथमिकता वाली सड़कों को स्वीकृति प्रदान कर दी है। जून, 2013 तक, संचित रूप से 564.90 कि.मी. का निर्माण और 273.61 कि.मी. का समतलीकरण संबंधी कार्य पूरा किया जा चुका है। 26. सरकार ने भारत-बंगलादेश सीमा पर 2840 कि. मी. तक तेज रोशनी की व्यवस्था करने की मंजूरी दे दी है, जिसमें से जून, 2013 तक 1520 कि.मी. तक कार्य पूरा किया जा चुका है। 27. वर्तमान वित्त वर्ष के लिए सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत 990 करोड़ रु. के वार्षिक आबंटन के मुकाबले दिनांक 30.06.2013 तक 264.79 करोड़ रु. की राशि राज्यों को जारी कर दी गई है। 28. पुलिस आधुनिकीकरण योजना के अंतर्गत, 13 राज्यों नामत: केरल, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, कर्नाटक, ओडिशा, गोवा, तमिलनाडु, जम्मू एवं कश्मीर, पंजाब, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड एवं राजस्थान से वर्ष 2013-14 के लिए वार्षिक कार्य योजना प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। उच्च अधिकार प्राप्त समिति ने 18 जून, 2013 से 28 जून, 2013 तक की अवधि के दौरान 11 राज्यों नामत: केरल, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, कर्नाटक, ओडिशा, गोवा, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, झारखंड, पंजाब तथा छत्तीसगढ़ की वार्षिक कार्य योजनाओं पर चर्चा की तथा इन पर विचार किया। 29. 25 जून, 2013 को पुडुचेरी विधान सभा सदस्यों के वेतन भत्ता तथा पेंशन संशोधन विधेयक, 2013 को भारत के राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त हुई। 30. राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के संबंध में, 117.29 करोड़ से अधिक व्यक्तियों की डाटा-एन्ट्री पूरी कर ली गई है। यू आई डी ए आई एन्रोलमेंट सॉफ्टवेयर का प्रयोग करके 15.8 करोड़ से अधिक व्यक्तियों के बायोमीट्रिक्स लिए जाने का कार्य पूरा कर लिया गया है जिसमें माह के दौरान 0.8 करोड़ व्यक्तियों को जोड़ा गया है। |
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