• माननीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ स्थिति का नियमित निरीक्षण कर रहे हैं। • स्वास्थ्य सेवा के महा-निदेशक तथा अतिरिक्त स्वास्थ्य सचिव और डीजी (सीजीएचएस) ने स्थिति की समीक्षा करने के लिए देहरादून का दौरा किया और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श किया है। • माननीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री के निर्देशानुसार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के दो वरिष्ठ अधिकारी, डॉक्टर एल.एस. चौहान, निदेशक (एनसीडीसी) और पी. रविन्द्रन, अतिरिक्त उप महानिदेशक और निदेशक (ईएमआर) सभी स्वास्थ्य सेवा संबंधी गतिविधियों का राज्य स्वास्थ्य विभाग से समन्वय बनाने के लिए, प्रभावी क्षेत्रों में पहुंच बनाने के लिए देहरादून में रूके हुए हैं। • उच्च स्तरीय केन्द्रीय दल के सदस्यों ने सड़क मार्ग से रूद्र-प्रयाग का दौरा किया। उन्होंने अगस्त मुनी के इंटर कॉलेज में लगे राहत शिविर का दौरा किया और शिविर में साथ रह रहे एसडीएम, नैनीताल और बीडीओ से बातचीत की। शिविर की सुविधाएं समुचित थी। केन्द्रीय स्वास्थ्य शिविर में दवाईयों, क्लोरिन की गोलियों और ब्लिचिंग पाउडर की मात्रा काफी थी। केन्द्र सरकार के अस्पतालों से विशेषज्ञ इस केन्द्रीय स्वास्थ्य शिविर में नियुक्त हो चुके हैं। • इस दल ने सीएमओ, सीएमएस, डीपीएम, एनआरएचएम, मदर गैर-सरकारी संगठन के प्रतिनिधियों, आशा के संचालकों और समन्वयकों के साथ बैठक की। सीएमओ से यह आग्रह किया गया किवे संचारी रोगों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए आशा को शामिल करने पर जोर दें। • एक गैर-सरकारी संगठन द्वारा वितरित भोजन के कारण डायरिया के मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने यह सलाह दी है कि गैर-सरकारी संगठनों द्वारा केवल सूखा राशन दिया जाए जैसा किसरकारी विभागों द्वारा किया जाता है। • एनसीडीसी और केंद्रीय अस्पतालों से दो सदस्यों वाले दो नए जनस्वास्थ्य समूह 6 जुलाई 2013 को देहरादून पहुंच गए हैं, जो 24 जून 2013 से वहां कार्यरत सबसे पहले जनस्वास्थ्य दलों के स्थान पर काम करेंगे। एक जनस्वास्थ्य दल को हरिद्वार में भी तैयार किया गया। • दिल्ली राज्य सरकार के तहत डीएचसी और तीन केंद्र सरकार के अस्पतालों के 36 सीनियर रेजीडेन्ट/विशेषज्ञ डॉक्टर देहरादून पहुंच गए हैं जो वहां पहले से तैनात सीएचएस डॉक्टरों के साथ काम करेंगे। आज यानि08 जुलाई 2013 को 4 अतिरिक्त डॉक्टर उनके साथ शामिल हो जाएंगे, जिससे वहां तैनात केंद सरकार के डॉक्टरों की संख्या 80 (40 जीडीएमओ और 40 विशेषज्ञ डॉक्टर) हो जाएगी। • एनआईएमएचएएनएस बंग्लौर से तीन सदस्यों का तीसरा दल उत्त्राखंड राहत कार्य के लिए तैनात किया गया है। प्रभावित जिलों में ऐसी दो टीमें पहले से हैं। • सात आवश्यक दवाइयों के साथ 10 लाख क्लोरीन की गोलियां पहुंचाई गयी हैं। राज्य सरकार के अनुरोध पर क्लोरीन की दो करोड़ और गोलियां, सौ मीट्रिक टन ब्लीचिंग पाउडर तथा तीन लाख ओआरएस पैकेट भेजने के लिए तैयार किए जा रहे हैं। • समन्वित बीमारी निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) की जिला इकाइयां, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन सभी प्रभावित जिलों में स्वास्थ्य निगरानी रख रहे हैं। प्रभावित इलाकों से जल, खानपान तथा हवा से होने वाली बीमारियों तथा सीधे संपर्क में आने से होने वाली बीमारियों की कोई खबर नहीं है। • राष्ट्रीय मच्छर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनवीबीडीसीपी) की टीम छोटे पर्वतीय जिलों में स्थिति की समीक्षा कर रही हैं। टीम ने ऊधमसिंह नगर जिले में स्थिति का जायजा लेने का काम पूरा कर लिया है। • स्थिति पर निगरानी रखी जा रही है। अनुबंध • फिलहाल क्षेत्र में पांच जनस्वास्थ्य टीमें हैं। ये टीमें चमोली, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ और हरिद्वार जिले में तैनात हैं। • राष्ट्रीय मच्छर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनवीबीडीसीपी) की सर्वेक्षण कर रही टीम ने ऊधमसिंह नगर जिले में अपना काम पूरा कर लिया है। • प्रारंभिक राहत प्रयासों के दौरान 23 और 24 जून को राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों को केन्द्रीय अस्पतालों से आवश्यक दवाइयों की तीन ट्रक खेप पहुंचाई गयी है। इस अवधि में दो हजार व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए गये हैं।
उत्तराखंड में अचानक आई बाढ़ : 8-7-2013 को स्वास्थ्य की स्थिति की रिपोर्ट
• माननीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ स्थिति का नियमित निरीक्षण कर रहे हैं। • स्वास्थ्य सेवा के महा-निदेशक तथा अतिरिक्त स्वास्थ्य सचिव और डीजी (सीजीएचएस) ने स्थिति की समीक्षा करने के लिए देहरादून का दौरा किया और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श किया है। • माननीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री के निर्देशानुसार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के दो वरिष्ठ अधिकारी, डॉक्टर एल.एस. चौहान, निदेशक (एनसीडीसी) और पी. रविन्द्रन, अतिरिक्त उप महानिदेशक और निदेशक (ईएमआर) सभी स्वास्थ्य सेवा संबंधी गतिविधियों का राज्य स्वास्थ्य विभाग से समन्वय बनाने के लिए, प्रभावी क्षेत्रों में पहुंच बनाने के लिए देहरादून में रूके हुए हैं। • उच्च स्तरीय केन्द्रीय दल के सदस्यों ने सड़क मार्ग से रूद्र-प्रयाग का दौरा किया। उन्होंने अगस्त मुनी के इंटर कॉलेज में लगे राहत शिविर का दौरा किया और शिविर में साथ रह रहे एसडीएम, नैनीताल और बीडीओ से बातचीत की। शिविर की सुविधाएं समुचित थी। केन्द्रीय स्वास्थ्य शिविर में दवाईयों, क्लोरिन की गोलियों और ब्लिचिंग पाउडर की मात्रा काफी थी। केन्द्र सरकार के अस्पतालों से विशेषज्ञ इस केन्द्रीय स्वास्थ्य शिविर में नियुक्त हो चुके हैं। • इस दल ने सीएमओ, सीएमएस, डीपीएम, एनआरएचएम, मदर गैर-सरकारी संगठन के प्रतिनिधियों, आशा के संचालकों और समन्वयकों के साथ बैठक की। सीएमओ से यह आग्रह किया गया किवे संचारी रोगों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए आशा को शामिल करने पर जोर दें। • एक गैर-सरकारी संगठन द्वारा वितरित भोजन के कारण डायरिया के मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने यह सलाह दी है कि गैर-सरकारी संगठनों द्वारा केवल सूखा राशन दिया जाए जैसा किसरकारी विभागों द्वारा किया जाता है। • एनसीडीसी और केंद्रीय अस्पतालों से दो सदस्यों वाले दो नए जनस्वास्थ्य समूह 6 जुलाई 2013 को देहरादून पहुंच गए हैं, जो 24 जून 2013 से वहां कार्यरत सबसे पहले जनस्वास्थ्य दलों के स्थान पर काम करेंगे। एक जनस्वास्थ्य दल को हरिद्वार में भी तैयार किया गया। • दिल्ली राज्य सरकार के तहत डीएचसी और तीन केंद्र सरकार के अस्पतालों के 36 सीनियर रेजीडेन्ट/विशेषज्ञ डॉक्टर देहरादून पहुंच गए हैं जो वहां पहले से तैनात सीएचएस डॉक्टरों के साथ काम करेंगे। आज यानि08 जुलाई 2013 को 4 अतिरिक्त डॉक्टर उनके साथ शामिल हो जाएंगे, जिससे वहां तैनात केंद सरकार के डॉक्टरों की संख्या 80 (40 जीडीएमओ और 40 विशेषज्ञ डॉक्टर) हो जाएगी। • एनआईएमएचएएनएस बंग्लौर से तीन सदस्यों का तीसरा दल उत्त्राखंड राहत कार्य के लिए तैनात किया गया है। प्रभावित जिलों में ऐसी दो टीमें पहले से हैं। • सात आवश्यक दवाइयों के साथ 10 लाख क्लोरीन की गोलियां पहुंचाई गयी हैं। राज्य सरकार के अनुरोध पर क्लोरीन की दो करोड़ और गोलियां, सौ मीट्रिक टन ब्लीचिंग पाउडर तथा तीन लाख ओआरएस पैकेट भेजने के लिए तैयार किए जा रहे हैं। • समन्वित बीमारी निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) की जिला इकाइयां, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन सभी प्रभावित जिलों में स्वास्थ्य निगरानी रख रहे हैं। प्रभावित इलाकों से जल, खानपान तथा हवा से होने वाली बीमारियों तथा सीधे संपर्क में आने से होने वाली बीमारियों की कोई खबर नहीं है। • राष्ट्रीय मच्छर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनवीबीडीसीपी) की टीम छोटे पर्वतीय जिलों में स्थिति की समीक्षा कर रही हैं। टीम ने ऊधमसिंह नगर जिले में स्थिति का जायजा लेने का काम पूरा कर लिया है। • स्थिति पर निगरानी रखी जा रही है। अनुबंध • फिलहाल क्षेत्र में पांच जनस्वास्थ्य टीमें हैं। ये टीमें चमोली, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ और हरिद्वार जिले में तैनात हैं। • राष्ट्रीय मच्छर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनवीबीडीसीपी) की सर्वेक्षण कर रही टीम ने ऊधमसिंह नगर जिले में अपना काम पूरा कर लिया है। • प्रारंभिक राहत प्रयासों के दौरान 23 और 24 जून को राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों को केन्द्रीय अस्पतालों से आवश्यक दवाइयों की तीन ट्रक खेप पहुंचाई गयी है। इस अवधि में दो हजार व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए गये हैं।
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