उपराष्ट्रपति श्री एम. हामिद अंसारी ने आज यहाँ अपने निवास पर लेखिका एवं वृतचित्र निर्मात्री श्रीमती गरिमा संजय द्वारा लिखित पुस्तक “स्मृतियाँ” का लोकार्पण किया . इस अवसर पर उन्होंने लेखिका को एक उत्कृष्ट पुस्तक लिखने के लिये बधाई दी और उनके बेहतर रचनात्मक भविष्य के लिये शुभकामनाएँ दीं. बीते जीवन की स्मृतियाँ ही मानव की सबसे बड़ी धरोहर होती हैं. अपनी खुशनुमा स्मृतियों में व्यक्ति विकट वर्तमान को भी भूल जाता है. स्मृतियों के ऐसे ही तानों-बानों से बुना है मर्मस्पर्शी उपन्यास “स्मृतियाँ”. पुस्तक इस तथ्य पर प्रकाश डालती है कि ज़िंदगी में हम व्यावसायिक स्तर पर अक्सर काफ़ी तरक्की कर लेते हैं, व्यावसायिक चुनौतियों का सामना भी डटकर करते हैं, लेकिन रिश्तों के मामले में अक्सर कमज़ोर पड़ जाते हैं। इन कमज़ोरियों को हम कभी किस्मत का नाम दे देते हैं, तो कभी अपनी हार का कारण फ़िल्मी कहानियों के ‘ख़लनायकों’ को बना देते हैं। जबकि हमारी भावनात्मक हार का कारण केवल हमारी अपनी ही भावनाओं को न स्वीकार कर पाने की कमज़ोरी होती है। |
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