प्रिंट और प्रसारण क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अधिकतम सीमा संबंधी वित्त मंत्रालय के परामर्श पत्र पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने प्रसारण क्षेत्र के मुद्दों पर भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की सिफारिशें और प्रिंट मीडिया संबंधी मामलों पर भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) की टिप्पणियां मांगी हैं। चूंकि ट्राई और पीसीआई के साथ परामर्श प्रक्रिया में समय लगेगा, इसलिए मंत्रालय ने औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग को सूचित किया है कि प्रिंट और प्रसारण क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की मौजूदा सीमा जारी रहेगी तथा यथास्थिति बनी रहेगी। इसके पूर्व प्रत्यक्ष विदेशी निवेश सीमा पर परामर्श पत्र के मसौदे की प्राप्ति के बाद मंत्रालय ने संबंधित मुद्दों पर प्रिंट और प्रसारण क्षेत्रों के हितधारकों के विचार लिए थे। बातचीत के दौरान विभिन्न विचार सामने आए थे, जिनके कारण बात तय नहीं हो पाई थी। उल्लेखनीय है कि इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी (आईएनएस) ने अपने विचार देने के लिए और समय मांगा था। इसके अलावा न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) ने भी अभी तक अपनी टिप्पणियां नहीं दी हैं। इस स्थिति को देखते हुए मंत्रालय ने यह मामला ट्राई और पीसीआई को सौंप दिया है। याद रहे कि ट्राई प्रसारण और केबल सेवाओं का नियामक प्राधिकरण है, इसलिए उससे परामर्श करना आवश्यक है। ट्राई की सिफारिशों के आधार पर 20 सितम्बर, 2012 को प्रसारण क्षेत्र के विभिन्न वर्गों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा की समीक्षा की गयी थी। |
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