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हीथ्रो एयरपोर्ट पर जेट एयरवेज द्वारा इत्‍तेहाद को स्‍लॉट की बिक्री




केन्‍द्रीय नागर विमानन मंत्रालय ने लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे पर जेट एयरवेज द्वारा अपने कुछ स्‍लॉट इत्‍तेहाद एयरवेज को बेचे जाने के मामले को लेकर उठे विवाद पर स्‍पष्‍टीकरण देते हुए कहा है कि इसमें कोई गलती नहीं हुई है।

मंत्रालय ने कहा है कि इस बारे में लगाये गये आरोप पूरी तरह निराधार हैं। मंत्रालय ने कहा है कि हीथ्रो हवाई अड्डे पर जेट एयरवेज ने अपने स्‍लॉट इत्‍तेहाद को बेचकर किसी तरह के नियमों का उल्‍लंघन नहीं किया है, क्‍योंकि इसके लिए उसे भारत सरकार की ओर से किसी तरह की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है। सरकार की ओर से घरेलू एयरलाईंस को स्‍लॉट आवंटित किया जाना तथा विदेशी एयरपोर्ट पर स्‍लॉट मिलना दो अलग बाते हैं।

मंत्रालय ने कहा है कि जेट ने हीथ्रो एयरपोर्ट पर इत्‍तेहाद को जो स्‍लॉट बेचे हैं, वह उसे हीथ्रो एयरपोर्ट को-आर्डिनेशन लिमिटेड की ओर से आवंटित किये गये थे जिन्‍हें दो वर्षों के बाद किसी अन्‍य एयरलाइंस को बेचने का अधिकार उसे स्‍वत: मिल गया था। हीथ्रो की ओर से जो स्‍लॉट दिये जाते हैं वे किसी भी एयरलाइंस के लिए समय और उपलब्‍धता के आधार पर सुविधाजनक या असुविधाजनक हो सकते हैं। ऐसे में वह एयरलाइंस इसे किसी और एयरलाइंस को बेचने के लिए स्‍वतंत्र है, लेकिन इसके लिए उसे हीथ्रो एयरपोर्ट को-आर्डिनेशन लिमिटेड से मंजूरी लेना जरूरी है। जेट एयरवेज ने यह अनुमति लेकर ही इत्‍तेहाद को अपने स्‍लॉट बेचे हैं। जेट ने इसके लिए भारतीय रिजर्व बैंक से भी अनुमति ली है, क्‍योंकि स्‍लॉटों की बिक्री का सौदा विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के तहत आता है।

नागर विमानन मंत्रालय ने हीथ्रो हवाई अड्डे पर एयरलाइंस की ओर से पिछले 12 सालों में की गई स्‍लॉट बिक्री के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा है कि वर्ष 2012 में यहां 42 स्‍लॉटों की बिक्री हुई थी जो वर्ष 2012 में बढ़कर 526 हो गई। मंत्रालय ने कहा है कि प्राप्‍त जानकारी के मुताबिक जेट ने इत्‍तेहाद को हीथ्रो में अपने तीन जोड़े स्‍लॉट बेचे हैं। हीथ्रो एयरपोर्ट को-आर्डिनेशन लिमिटेड ने इसकी पुष्टि की है। 

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