येलो फीवर बीमारी दुनिया के 44 देशों में होती है। इनमें से 23 देश अफ्रीकी महाद्वीप और 11 देश दक्षिण अमरीकी महाद्वीप में हैं। भारत येलो फीवर बीमारी से मुक्त है। इन देशों की यात्रा पर जाने वाले मुसाफिरों को येलो फीवर से बचाव के लिए टीका लगवाना पड़ता है। इस टीके की 0.5 मिली लीटर की एक खुराक इस बीमारी से आजीवन बचाव संभव कराती है और बार-बार इन देशों की यात्रा पर जाने वालों को यह टीका बार-बार नहीं लगवाना पड़ता। देश में येलो फीवर टीके की वार्षिक मांग 1.8 लाख खुराक है। देश में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय द्वारा निर्धारित 27 येलो फीवर टीकाकरण केंद्र हैं। इन केंद्रों में येलो फीवर टीके की सप्लाई सी.आर.आई., कसौली (एक तिहाई का निर्माण होता है और दो तिहाई का आयात होता है) द्वारा की जाती है। किसी भी निजी अस्पताल/दवाखाने/संस्थान को भारत सरकार ने येलो फीवर टीकाकरण उपलब्ध कराने तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन - डब्ल्यू एच ओ द्वारा स्वीकृत प्रमाण-पत्र जारी करने के लिए प्राधिकृत नहीं किया है। भारत सरकार द्वारा निर्धारित येलो फीवर टीकाकरण केंद्रों में मार्च 2013 से येलो फीवर टीके की कमी है। इसकी वजह सी.आर.आई. कसौली में उपकरण की खराबी तथा वैश्विक कमी की वजह से डब्ल्यू एच ओ के माध्यम से आयात के जरिए होने वाली आपूर्ति में रुकावट है। 1. आपूर्ति में कमी की वजह से येलो फीवर टीकाकरण केंद्रों को सूचित किया गया है कि वे येलो फीवर टीका लगवाने के इच्छुक सभी यात्रियों से अंतरिम उपाय के तौर पर निर्धारित येलो फीवर टीकाकरण केंद्रों से येलो फीवर टीके की एक खुराक लेने (सनोफी पॉस्चर द्वारा निर्मित) और डब्ल्यू एच ओ येलो फीवर टीकाकरण प्रमाण-पत्र (इसके लिए कोई लागत वसूली नहीं जाएगी) प्राप्त करने को कहें। भारत सरकार येलो फीवर टीका 300 रुपये प्रति खुराक की दर पर मुहैया कराती है और बाजार में सनोफी पॉस्चर की येलो फीवर की एक खुराक की कीमत 1100 रुपये है। 2. साथ ही डब्ल्यू एच ओ के पास 2.57 लाख खुराकों का ऑर्डर भी भेजा गया है (इसमें वर्ष 2012-13 और वर्ष 2013-14 की बची हुई खुराकें भी शामिल हैं।)। आपूर्ति अब तक प्राप्त नहीं हुई है। डब्ल्यू एच ओ की आपूर्ति अगस्त के दूसरे सप्ताह में मिल सकती है। 3. दूसरा सी.आर.आई. कसौली से नियमित आपूर्ति में रुकावट और संकटपूर्ण स्थिति के अनुमान के मद्देनजर सनोफी पॉस्चर (यह अकेली कंपनी है, जिसे डी सी जी आई की स्वीकृति प्राप्त है, लेकिन सिर्फ टीके की अकेली खुराक की शीशी के लिए) से 60 हजार खुराकों (दस खुराक की शीशी) की आपूर्ति के लिए अप्रैल 2013 में संपर्क किया गया था। इस बात का उल्लेख किया गया है कि सनोफी पॉस्चर के पास मल्टी-डोज शीशी के लिए लाइसेंस नहीं है। उसे भारत सरकार के आपूर्ति के ऑर्डर के लिए डी सी जी आई से मंजूरी लेनी होगी। 4. आपूर्ति मुंबई तट पर पहुंच चुकी है और गुणवत्ता नियंत्रण प्रमाणन के लिए नमूने सी.आर.आई. कसौली को 18 जुलाई 2013 को भेज दिए गए थे। 5. सी.आर.आई. कसौली से रिपोर्ट मिल चुकी है और येलो फीवर टीके की आपूर्ति आज चार महानगरों के येलो फीवर टीकाकरण केंद्रों को भेज दी गई। 6. भारत सरकार के सभी केंद्रों पर एक सप्ताह के भीतर नियमित टीकाकरण का कार्य सामान्य हो जाने की संभावना है। |
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