आवास एवं शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय उत्तराखण्ड में ध्वस्त हुए मकानों को फिर से बनाने के लिए के लिए इसकी योजना, डिजाइनिंग और पुनर्निमाण में मदद करेगा इसके लिए वह आवास एवं शहरी विकास निगम लिमिटेड- हुडको, भवन सामग्री और प्रौद्योगिकी संवर्धन परिषद- बीएमटीपीसी और हिंदुस्तान प्रिफैब लिमिटेड-एचपीएल की एक तकनीकी टीम को वहां तैनात करेगा। आवास एवं शहरी गरीबी उपशमन मंत्री डॅा. गिरिजा व्यास ने आज मीडिया के साथ बातचीत में यह बात कही कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूडकी के विशेषज्ञों को भी टीम में शामिल कर इसे और सशक्त बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह टीम शनिवार और रविवार को प्राकृतिक आपदा ग्रस्त उत्तराखण्ड का दौरा कर नुकसान का जायजा लेगी।
उत्तराखण्ड सरकार को अपने मंत्रालय द्वारा पूर्ण सहायता के प्रति आश्वस्त करते हुए डॅा. गिरिजा व्यास ने कहा कि सभी प्रभावित नगर पालिकाओं/ अधिसूचित क्षेत्रीय परिषदों को विशेष मामले के तहत राजीव आवास योजना के अधीन लाकर गरीबों के नष्ट हुए मकानों को फिर से बनाने में मदद की जा सकती है और इन आपदा ग्रस्त क्षेत्रों को फिर से विकसित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राजीव आवास योजना के अंतर्गत मंत्रालय द्वारा दस हजार मकान पुनर्निमित किए जाएंगे। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री से आज टेलिफोन पर हुई बातचीत का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि हुडको को मकानों के निर्माण और ढांचागत सुविधाओं को फिर से बनाने के वास्ते 18 से 20 वर्षों के लिए तीन हजार करोड़ रूपये का दीर्घकालीन सुलभ ऋण मुहैया कराने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना/ राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन-एनयूएलएम भारत सरकार के श्रम मंत्रालय के माध्यम से शहरी क्षेत्रों में आजीविका के लिए प्रशिक्षण और स्व रोजगार के लिए मदद देगा। उन्होंने कहा उनके मंत्रालय ने भारत सरकार के विभिन्न योजनाओं तथा फंडों के माध्यम से आवासों के निर्माण के काम के समन्वय का भी प्रस्ताव रखा है तथा बाढ़ और चट्टान खिसकने से प्रभावितों के लिए पुनर्वास कार्यों के लिए 1.25 करोड़ रूपये प्रदान किए हैं। उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय तथा संबंधित कार्यालयों और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाईयों के सभी कर्मचारियों ने उत्तराखण्ड में राहत के लिए अपने एक दिन का वेतन सौंपा है।
डॅा. व्यास ने जवाहरलाल नेहरू शहरी नवीनिकरण मिशन के तहत हुई प्रगति का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि उसके तहत शहरी गरीबों को मूलभूत सेवाएं- बीएसयूपी और एकीकृत आवास एवं मलीन बस्ती विकास कार्यक्रम-आईएचएसडीपी के अंर्तगत 31.05.2013 तक शहरी गरीबों के लिए आवास एवं मूलभूत सुविधाओं की 1608 परियोजनाओं के तहत 1.56 मिलियन आवासों को मंजूरी दी गई है जिसमें 41, 685 करोड़ रूपये से अधिक की लागत आएगी। इसके अलावा 22, 323 करोड़ रूपये की अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता की प्रतिबद्धता पहले ही व्यक्त की जा चुकी है और अतिरिक्त 15, 733 करोड़ रूपये जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि बीएसयूपी के तहत सभी 65 मिशन शहरों को इसके अंर्तगत लाया गया है और 927 छोटे और मध्यम शहरों को आईएसएचडीपी के तहत रखा गया है। लगभग 7, 13, 371 लाख मकान पूर्ण हो चुके हैं और 3, 79, 070 लाख मकान के निर्माण कार्य प्रगति पर है। इनमें 4, 75, 976 घरों को सौंप दिया गया है।
उन्होंने कहा कि जवाहरलाल नेहरू शहरी नवीकरण मिशन आधिकारिक रूप से 31 मार्च, 2012 को समाप्त हो गया लेकिन चल रहे कार्यों और राजीव आवास योजना पायलट चरण को पूरा करने के लिए 2014 तक बढ़ाया गया है। राजीव आवास योजना का यह चरण 2 जून, 2013 को समाप्त हो गया है। उन्होंने 12वीं योजना में जवाहरलाल नेहरू शहरी नवीनिकरण मिशन को राजीव आवास योजना में विलय करके इसके क्रियान्वयन प्रक्रिया को शुरू करने की भी जानकारी दी। आवास एवं शहरी गरीबी उपशमन मंत्री ने 12 वीं योजना काल में 28 लाख लोगों को कौशल प्रशिक्षण देने तथा 2.8 लाख लोगों को स्व रोजगार के उद्यम के लिए ऋण और सहायता देने के प्रस्ताव की भी बात कही उन्होंने यह भी बताया कि शहरी बेघर लोगों के लिए 1600 शरण गृह बनाने का भी प्रस्ताव है।
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