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ट्राई ने प्रसारण क्षेत्र में प्रत्‍यक्ष वि‍देशी नि‍वेश पर परामर्श-पत्र जारी कि‍या




भारतीय दूरसंचार वि‍नि‍यायक प्राधि‍करण (ट्राई) ने आज भारत में प्रसारण क्षेत्र के वि‍भि‍न्‍न खंडों में प्रत्‍यक्ष वि‍देशी नि‍वेश सीमा के बारे में एक परामर्श-पत्र जारी कि‍या।

समय-समय पर प्राधि‍करण ने प्रसारण क्षेत्र के वि‍भि‍न्‍न खंडों में प्रत्‍यक्ष वि‍देशी नि‍वेश के वि‍षय पर अपने आप या सरकार के आग्रह पर अपनी संस्‍तुति‍दी है। प्राधि‍करण ने अपनी पि‍छली संस्‍तुति‍3 जून, 2011 को दी थी। प्राधि‍करण की इन संस्‍तुति‍यों के आधार पर सरकार ने 20 सि‍तम्‍बर, 2012 को प्रसारण क्षेत्र के वि‍भि‍न्‍न खंडों के लि‍ए प्रत्‍यक्ष वि‍देशी नि‍वेश सीमा और इसकी स्‍वीकृति‍मार्ग को संशोधि‍त कि‍या था। सूचना एक प्रसारण मंत्रालय ने 12 जुलाई, 2013 के हवाले से प्राधि‍करण को संकेत दि‍या कि‍सरकार मौजूदा प्रत्‍यक्ष वि‍देशी नि‍वेश नीति‍का पुर्नि‍रीक्षण और प्रत्‍यक्ष वि‍देशी नि‍वेश की कम आवक को देखते हुए इसकी सीमा को उदार बना रही है। इस संदर्भ में मंत्रालय ने प्राधि‍करण से प्रसारण क्षेत्र के वि‍भि‍न्‍न खंडों में प्रत्‍यक्ष वि‍देशी नि‍वेश सीमा की जांच-पड़ताल करके अपनी संस्‍तुति‍देने का आग्रह कि‍या है। परामर्शक प्रक्रि‍या के तहत प्राधि‍करण ने पणधारि‍यों के वि‍चार और टि‍प्‍पणि‍यां प्राप्‍त करने के लि‍ए परामर्श-पत्र को ट्राई की वेबसाइट पर अपलोड कि‍या है। परामर्श-पत्र का पूर्ण पाठ ट्राई की वेबसाइट पर http://www.trai.gov.in उपलब्‍ध है। 


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