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उत्‍तराखंड में अचानक वर्षा से उत्‍पन्‍न स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी समस्‍याएं




स्‍वास्‍थ्‍य एवं परि‍वार कल्‍याण मंत्रालय की तीन सदस्‍यों वाली एक टीम इस समय देहरादून में है और यह टीम राज्‍य स्‍वास्‍थ्‍य प्राधि‍कारि‍यों के साथ मि‍लकर जन-स्‍वास्‍थ्‍य स्‍थि‍ति‍और समन्‍वय का मूल्‍यांकन कर रही है, ताकि‍जहां भी जरूरत हो, वहां सहायता उपलब्‍ध कराई जा सके। इस समि‍ति‍में नि‍देशक, इमरजेंसी मेडि‍कल रि‍स्‍पॉन्‍स, नि‍देशक, रोग नि‍यंत्रण का राष्‍ट्रीय केन्‍द्र और संयुक्‍त नि‍देशक, राष्‍ट्रीय वैक्‍टरबार्न डि‍जी‍जेस कंट्रोल प्रोग्राम (एनवीबीडीसीपी) शामि‍ल हैं। 

तीन सदस्‍यों वाली इस टीम को चमोली, उत्‍तरकाशी (दो टीमें), रुद्रप्रयाग, पि‍थौरागढ़ और उधमसिंहनगर का कार्य भी सौंपा गया है। केन्‍द्रीय टीम इन टीमों के संपर्क में है। 

लखनऊ और दि‍ल्‍ली के सीजीएचएस के मेडि‍कल अफ‍सरों को इन प्रभावि‍त जि‍लों में तैनात कि‍या गया है। 

पांच मेडि‍कल अफ‍सर कानपुर से आज (03.07.2013) शाम देहरादून पहुंच जाएंगे। इस तरह से इन मेडि‍कल अफ‍सरों की कुल संख्‍या 38 हो जाएगी। • नि‍महन्‍स, बंगलौर की तीन डॉक्‍टरों की एक टीम आज (03.07.2013) देहरादून पहुंच रही है। इस तरह की दो टीमें पहले ही काम कर रही हैं। 

मेडि‍सि‍न, बालरोग और प्रसव वि‍ज्ञान तथा स्‍त्रीरोग वि‍ज्ञान के कुल 40 सीनि‍यर रेजि‍डेंन्‍ट्स / वि‍शेषज्ञ भी उत्‍तराखंड के लि‍ए कल यानि‍(04.07.2013) को रवाना होने वाले हैं। ये सभी डॉक्‍टर केन्‍द्रीय अस्‍पतालों और राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र दि‍ल्‍ली के अस्‍पतालों से हैं। 

केन्‍द्रीय अस्‍पतालों से दवाओं से भरा एक ट्रक भेजा गया है और इस पर लदी सामग्री को राज्‍य स्‍वास्‍थ्‍य प्राधि‍कारि‍यों ने आगे वि‍तरण करने के लि‍ए प्राप्‍त कर लि‍या है। 

राज्‍य को सात जरूरी दवाओं के साथ 10 लाख क्‍लोरीन गोलि‍यां भेजी गई हैं। राज्‍य अधि‍कारि‍यों ने दो करोड़ क्‍लोरीन गोलि‍यों के लि‍ए अनुरोध कि‍या है। साथ ही 100 मीट्रि‍क टन ब्‍लीचिंग पाउडर और तीन लाख ओआरएस पैकेटों की मांग की हैं। इन्‍हें भेजने पर वि‍चार कि‍या जा रहा है। 

एकीकृत रोग टोह कार्यक्रम (आईडीएसपी) की जि‍ला यूनि‍टें और एनआरएचएम हर प्रभावि‍त जि‍ले में स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी टोह लेने का काम कर रहे हैं। शुरूआती चेतावनी संकेत ग्रहण करने के बाद हरि‍द्वार (ज्‍वालापुर), उत्‍तरकाशी (उडवी) और रुद्रप्रयाग (चन्‍द्रपुरी)में डायरि‍या के अनेक मामले शुरूआती दौर में ही संभाल लि‍ए गए हैं। प्रभावि‍त क्षेत्रों में से कहीं से भी जल जनि‍त/खाद्य जनि‍त/वायु जनि‍त अथवा सीधे सम्‍पर्क वाली बीमारि‍यों के फैलने की खबर नहीं मि‍ली। 

राष्‍ट्रीय वैक्‍टरबार्न डि‍जीज कंट्रोल प्रोग्राम का एक वि‍शेषज्ञ दल राज्‍य सरकार के नि‍यंत्रण में रख दि‍या गया है, जि‍सका इस्‍तेमाल वह वैक्‍टरबार्न बीमारि‍यां रोकने में कर सकते हैं। 

इंडि‍यन रैड क्रास सोसाइटी ने दो सदस्‍यों वाली एक टीम उत्‍तरकाशी और पि‍थौरागढ़ में 19 जून से तैनात कर दी हैं। इससे पहले यह टीम राष्‍ट्रीय हैडक्‍वार्टर में तैनात थी। हैडक्‍वार्टर से एक उच्‍च स्‍तर की टीम ने भी राज्‍य का दौरा कि‍या है और यह टीम राज्‍य रैड क्रास यूनि‍ट के साथ राहत कार्य में तालमेल कर रही है। 

आईआरसीएस ने सात ट्रक राहत सामग्री प्रदान की है, जि‍नमें तम्‍बू, फैमि‍ली पैक, कि‍चन सैट, कम्‍बल, लालटेनें आदि‍शामि‍ल हैं। 

शव उठाने के लि‍ए 1100 वि‍शेष थैलों की व्‍यवस्‍था इंडि‍यन रेड क्रास सोसाइटी ने की है। स्‍वास्‍थ्‍य एवं परि‍वार कल्‍याण मंत्रालय ने भी 500 ऐसे थैले भि‍जवाए हैं। 

स्‍थि‍ति‍पर बराबर नजर रखी जा रही है। 

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