भारत सरकार राष्ट्रीय डाटा शेयरिंग और एक्सेसिबिलिटी नीति (एनडीएसएपी) के तहत विभिन्न विभागों से विशाल सरकारी डाटाबेस जारी करने की प्रक्रिया में है ताकि सरकारी सूचना की डिलीवरी बढ़े, नवाचार की गति तेज हो तथा गवर्नेन्स में पारदर्शिता, जवाबदेही और नागरिक की भागीदारी को बढ़ावा मिल। मुक्त सरकारी डाटा के जरिए नवाचार को बढ़ावा देने और मुक्त डाटा इकोसिस्टम बनाने के लिए स्टार्ट-अप एवं डेवलपर समुदाय को जोड़ने के उद्देश्य से राष्ट्रीय सूचना केंद्र (एनआइसी) ने नैसकॉम के सहयोग से आज यहां ”गवर्नेन्स में नवाचार के लिए ओपन डाटाएप्स” पर सम्मेलन आयोजित किया। इस सम्मेलन का शुभारंभ केंद्रीय संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री कपिल सिब्बल ने किया। श्री कपिल सिब्बल ने एक डाटा पोर्टल का भी विमोचन किया जो मुक्त सरकारी डाटा के लिए सिंगल विंडो एक्सेस है। इस पोर्टल का मुक्त डाटा पर के नूतन एप्स के जरिए सरकारी सेवाओं और सूचना की पहुंच और ग्राह्यता बढ़ाने पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। भारत की मुक्त सरकारी डाटा पहल न सिर्फ गवर्नेन्स में ज्यादा पारदर्शिता, जवाबदेही और नागरिक को अधिक संलग्न करने की दिशा में एक कदम है बल्कि यह नवाचार के लिए मंच के रूप में भी काम करेगा। एनआइसी और इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने डाटा पोर्टल (http://data.gov.in) बनाया है तथा इसे देश की ओपन सरकारी पहल के रूप में लागू किया जा रहा है। अब तक 49 विभागों से 3500 से अधिक डाटासेट इस पोर्टल पर अपलोड कर दिए गए हैं तथा रोजाना यह संख्या बढ़ती जा रही है। प्रायोगिक परियोजना के तहत दिल्ली विश्वविद्यालय और एनआइसी ओपन डाटा के इस्तेमाल से मोबाइल एवं वैब एप्स के विकास के लिए विद्यार्थियों की क्षमता का पता लगाने का प्रयास करेंगे। |
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