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श्री के. रहमान खान ने ‘खिदमत’ हेल्‍पलाइन शुरू की



केंद्रीय अल्‍पसंख्‍यक कार्यमंत्री श्री के. रहमान खान ने आज यहां ‘खिदमत’ नाम की एक समर्पित निशुल्‍क हेल्‍पलाइन-1XXX-XX-2001 शुरू की। ‘खिदमत’ हेल्‍पलाइन भारत के अल्‍पसंख्‍यकों को समर्पित करते हुए उन्‍होंने आशा व्‍यक्‍त की कि यह समाज के सभी वर्गों विशेषकर वंचित वर्गों के समावेशी विकास का राष्ट्रपिता महात्‍मा गांधी का सपना साकार करेगी। इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री के. रहमान खान ने कहा कि यह सेवा ताजा सूचना के माध्‍यम से अल्‍पसंख्‍यकों को सशक्‍त बनाएगी। यह हेल्‍पलाइन अब चालू हो चुकी है। शुरूआत में यह हेल्‍पलाइन सभी कार्यदिवसों के दौरान सुबह नौ बजे से शाम छह बजे तक खुली रहेगी। श्री खान ने कहा कि इसकी सफलता और मांग को देखते हुए इसे नई सुविधाओं से युक्‍त करके 24×7 भी बनाया जा सकता है। उन्‍होंने कहा कि बदलते भारत में जब फोन सेवाएं और मोबाइल देश के कोने-कोने तक पहुंच चुके हैं। ऐसे में यह समर्पित हेल्‍पलाइन संभवत: विकास और कल्‍याणकारी कार्यक्रमों के बारे में सूचना देने का बेहतर विचार साबित हो सकती हैं।

उन्‍होंने कहा कि समय पर मिली सही जानकारी ताकत होती है। श्री खाने ने कहा कि ‘खिदमत’ हेल्‍पलाइन के माध्‍यम से मंत्रालय ने सभी स्‍तरों के अल्‍पसंख्‍यकों को समान रूप से शक्ति सम्‍पन्‍न बनाने का प्रयास किया है।

अल्‍पसंख्‍यक कार्य मंत्रालय ने अल्‍पसंख्‍यकों के बुनियादी विकास, शैक्षिक सशक्तिकरण, आर्थिक सशक्तिकरण, महिला सशक्तिकरण और वक्‍फ विकास के लिए अनेक विकास और कल्‍याणकारी योजनाओं का प्रतिपादन और कार्यान्‍वयन किया है।

विभिन्‍न कार्यक्रमों और योजनाओं को कार्यान्वित करते समय व्यवहारिक दिक्‍कतों के अलावा मंत्रालय को महसूस हुआ कि कार्यक्रमों/योजनाओं के बारे में लक्षित आबादी में जानकारी का अभाव सबसे बड़ी रूकावट है। पिछले कुछ वर्षों से मंत्रालय ने हालांकि नियमित रूप से प्रिंट, इलेक्‍ट्रॉनिक और नये मीडिया माध्‍यमों के जरिए मल्‍टी मीडिया प्रचार शुरू किया है। इसके बावजूद कार्यक्रमों की पहुंच व्‍यापक बनाए जाने की जरूरत है।

मंत्रालय ने यह समर्पित निशुल्‍क हेल्‍पलाइन इसलिए शुरू की है, क्‍योंकि उसका मानना है कि लक्षित आबादी को एक मंच की जरूरत है। यहाँ से वे आसान भाषा में बातचीत के माध्‍यम से नई जानकारी प्राप्‍त कर सके और उनकी अधिकांश जिज्ञासाएं शांत हो सके।

इस हेल्‍पलाइन की शुरूआत के साथ ही किसी गांव या दूरदराज के इलाके में बैठा कोई छात्र छात्रवृत्ति योजनाओं के बारे में तत्‍काल सूचना प्राप्‍त कर सकता है। किसी बेरोजगार अल्‍पसंख्‍यक नौजवान को मंत्रालय की ओर से चलाए जाने वाले कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रमों तथा रोजगार के अवसरों के बारे में तत्‍काल जानकारी प्राप्‍त हो सकती है।

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