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रेलवे स्टेशनों के परिसरों का इस्तेमाल कौशल विकास संबंधी गतिविधियों के लिए किया जाएगाः श्री सुरेश प्रभु

 abslm 06/01/2014
रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने कहा कि भारतीय रेल के पास लगभग 8,000 स्टेशन हैं और कुछ रेलवे स्टेशनों के परिसरों का इस्तेमाल कौशल विकास संबंधी गतिविधियों के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कौशल विकास कार्यक्रम पर माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जोर दिया गया है ताकि आम जनता और भारतीय रेल इनसे लाभान्वित हों। उन्होंने कहा कि स्व-सहायता समूहों और ऐसी अन्य एजेंसियों द्वारा तैयार किए गए ग्रामीण उत्पादों के विपणन में भी रेलवे मदद करेगा, ताकि आम ग्रामीण जनता की मदद की जा सके। कोंकण रेलवे में रत्नागिरी स्टेशन पर हाल में स्थापित "कोंकण स्वाद कट्टा" नामक रेस्टोरेंट की चर्चा करते हुए श्री प्रभु ने कहा कि ऐसे प्रयासों से पारंपरिक व्यवसाय के साथ ही स्थानीय प्रतिभाएं प्रोत्साहित होंगी और स्थानीय लोगों का वित्तीय सशक्तिकरण किया जा सकेगा। इसके साथ ही रेल यात्रियों को पारंपरिक कोंकणी थालियों, जैसे- कोकम शर्बत, पूरन पोली आदि का जायका मिल सकेगा। 

श्री प्रभु ने रेलवे के सार्वजनिक उपक्रम आईआरसीटीसी की विपणन संभावना की चर्चा करते हुए कहा कि इसकी वेबसाइट पर लाखों लोग रोजाना संपर्क करते हैं। उन्होंने कहा कि आईआरसीटीसी की वेबसाइट के माध्यम से ग्रामीण उत्पादों के बिक्रय के लिए एक शीर्ष परियोजना शुरू की जा सकती है।

रेल मंत्री द्वारा आज के कार्यक्रम में जारी की गई वीडियो सीडी में महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में पर्यटन संभावना के विभिन्न पहलुओं को दर्शाया गया है। 

इस अवसर पर उपस्थित लोगों में राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री दिलीप चिनॉय, सिडबी के उप-प्रबंध निदेशक श्री एन.के.मैनी, नाबार्ड के उप-प्रबंध निदेशक श्री एच.आर.दवे, भारतीय उद्योग परिसंघ के महानिदेशक श्री चंद्रजीत बनर्जी और लुपीन ह्यूमैन वेलफेयर एंड रिसर्च फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक श्री सीता राम गुप्ता शामिल थे। 

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