ABSLM-22/01/2015
उपराष्ट्रपति श्री एम. हामिद अंसारी ने आज यहां एक समारोह में राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार-2014 विजेता बच्चों के साथ बातचीत की। उन्होंने बहादुर बच्चों तथा उनके अभिभावकों के साथ बातचीत की और उन्हें उनके बहादुरी के कारनामों के लिए प्रोत्साहित किया। बच्चों ने उन्हें अपनी बहादुरी के कारनामे बताएं। उपराष्ट्रपति ने बहादुर बच्चों को उनके करियर में सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं।
इस वर्ष 24 बच्चों को राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार दिया गया है, इनमें 4 बच्चों को मरणोपरांत पुरस्कार दिया गया। विजेताओं को पदक, प्रमाण पत्र और नकद पुरस्कार दिया गया। वे गणतंत्र दिवस की परेड में भाग लेंगे।
भारतीय बाल कल्याण परिषद (आईसीसीडब्ल्यू) द्वारा 1957 में इन पुरस्कारों की शुरुआत की गई। परिषद के प्रायोजित कार्यक्रम के तहत पुरस्कार प्राप्त करने वालों को उनकी स्कूली शिक्षा पूर्ण करने तक वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। कुछ राज्य सरकारें भी वित्तीय सहायता मुहैया कराती हैं। ‘इंदिरा गांधी छात्रवृत्ति योजना’ के तहत आईसीसीडब्ल्यू वित्तीय सहायता ऐसे बालकों को मुहैया कराती है जो इंजीनियरिंग और चिकित्सा जैसे पेशेवर पाठ्यक्रम अपनाते हैं। अन्य बालकों के लिए यह सहायता उनके स्नातक तक दी जाती है।
भारत सरकार ने मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों तथा पॉलिटेकनिकों में कुछ सीटें पुरस्कार प्राप्त बच्चों के लिए सुरक्षित की हैं। बहादुरी पुरस्कारों के लिए चयन उच्च अधिकार प्राप्त समिति द्वारा किया जाता है और इसमें विभिन्न मंत्रालयों/विभागों, गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि तथा भारतीय बाल कल्याण परिषद के वरिष्ठ सदस्य होते हैं।
उपराष्ट्रपति श्री एम. हामिद अंसारी ने आज यहां एक समारोह में राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार-2014 विजेता बच्चों के साथ बातचीत की। उन्होंने बहादुर बच्चों तथा उनके अभिभावकों के साथ बातचीत की और उन्हें उनके बहादुरी के कारनामों के लिए प्रोत्साहित किया। बच्चों ने उन्हें अपनी बहादुरी के कारनामे बताएं। उपराष्ट्रपति ने बहादुर बच्चों को उनके करियर में सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं।
इस वर्ष 24 बच्चों को राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार दिया गया है, इनमें 4 बच्चों को मरणोपरांत पुरस्कार दिया गया। विजेताओं को पदक, प्रमाण पत्र और नकद पुरस्कार दिया गया। वे गणतंत्र दिवस की परेड में भाग लेंगे।
भारतीय बाल कल्याण परिषद (आईसीसीडब्ल्यू) द्वारा 1957 में इन पुरस्कारों की शुरुआत की गई। परिषद के प्रायोजित कार्यक्रम के तहत पुरस्कार प्राप्त करने वालों को उनकी स्कूली शिक्षा पूर्ण करने तक वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। कुछ राज्य सरकारें भी वित्तीय सहायता मुहैया कराती हैं। ‘इंदिरा गांधी छात्रवृत्ति योजना’ के तहत आईसीसीडब्ल्यू वित्तीय सहायता ऐसे बालकों को मुहैया कराती है जो इंजीनियरिंग और चिकित्सा जैसे पेशेवर पाठ्यक्रम अपनाते हैं। अन्य बालकों के लिए यह सहायता उनके स्नातक तक दी जाती है।
भारत सरकार ने मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों तथा पॉलिटेकनिकों में कुछ सीटें पुरस्कार प्राप्त बच्चों के लिए सुरक्षित की हैं। बहादुरी पुरस्कारों के लिए चयन उच्च अधिकार प्राप्त समिति द्वारा किया जाता है और इसमें विभिन्न मंत्रालयों/विभागों, गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि तथा भारतीय बाल कल्याण परिषद के वरिष्ठ सदस्य होते हैं।
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