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''अच्छे दिनों" का झांसा देकर सत्ता में आई भाजपा से किसान बहुत पछता रहे है : भरत लाल मेहता

18/01/2015

सिरसा (प्रैसवार्ता) ''अच्छे दिनों" का झांसा देकर सत्ता में आई भाजपा को सत्ता सौंपकर देशवासी विशेषकर किसान बहुत पछता रहे है, क्योंकि उन्हें तो फसलों के उचित दाम मिल रहे है और ही यूरिया खाद। खाद के लिए किसान मारे-मारे फिर रहे है और ऐसी स्थिति बन गई है कि किसान यूरिया के लिए गत दिन लबी-लंबी कतारों में खड़े रहकर ''अच्छे दिनों" की परिभाषा को समझकर स्वयं को ठगा हुआ महसूस कर रहे है। उक्त आरोप किसान नेता एवं चौ.सुरेंद्र सिंह मैमोरियल क्लब के हल्काध्यक्ष भरत लाल मेहता खारियां ने जारी एक विज्ञप्ति में लगाए। मेहता ने कहा कि देश की आजादी के बाद यह पहली सरकार है, जिसने किसानों को घुट घुट कर जीने पर मजबूर कर दिया है। खेती संबंधी आवश्यक वस्तुएं किसानों को मिलती नहीं और फसलों के दाम किसानों के जख्मों पर नमक छिड़क रहे है। केंद्र तथा राज्य सरकार को किसान विरोध करार देते हुए मेहता ने कहा कि सरकार को किसान हित की सोच रखकर किसानों की जरूरतें समस्याओं के समाधान को प्राथमिकता देनी चाहिए, ताकि किसान कृषि में अपना महत्वपूर्ण योगदान निभाते रहे, क्योंकि भारत एक कृषि देश है, जिसमें लगभग 80 प्रतिशत लोगों की भागीदारी बनी हुई है।

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