ABSLM -30/01/2015
अमेरिकी राष्ट्रपति की भारत यात्रा के शोर शराबे में यहां आशंकाओं के बाद चीन ने उम्मीद जतायी है कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की आसन्न यात्रा से दोनों देशों के बीच संबंध फिर से केंद बिन्दु में आ जायेंगे और इससे प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी की संभावित यात्रा को मूर्त रूप दिया जा सकेगा।
चीन के विदेशी मामलों के थिंकटैंक चाइना इंस्टीट्यूट आफ कंटेम्प्ररी इंटरनेशनल रिलेशन में दक्षिण एशिया अध्ययन के निदेशक फू जिया ओक्वछांग ने कहा, भारत संतुलित विदेश नीति का अनुसरण करती है जो बिना किसी बड़े देश की ओर झुकाव की नीति पर आधारित है। भारत और चीन अभी भी ऐसे क्षेत्रों की पहचान करते हैं जो सहयोग को और बढ़ा सकते हैं जिसमें आधारभूत संरचना और कारोबार शामिल है।
भारत के राजदूत अशोक के कांत ने यहां गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान कहा कि पिछले वर्ष द्विपक्षीय संबंधों में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है और दोनों देशों के बीच कई पहल को आगे बढाया गया है। बहरहाल, ओबामा की तीन दिवसीय हाईप्रोफाइल भारत यात्रा को चीन में संदेह की नजर से भी देखा जा रहा है। ओबामा भारत में गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि थे।
चीन के सरकारी दैनिक के अनुसार, पश्चिमी देशों के मीडिया ने ओबामा की यात्रा के मद्देनजर भारत..अमेरिकी संबंधों में बदलाव और चीन पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में खबरें जारी की है जहां अमेरिका द्वारा भारत को एशिया में चीन को संतुलित करने के कारक के रूप में देखा जा रहा है। इस बीच, सुषमा स्वराज अपनी चीन यात्रा के दौरान अपने समकक्ष वांगयी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मिलेंगी। चिनफिंग ने पिछले साल भारत की यात्रा की थी और अगले कुछ महीने में प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी की यात्रा के लिये आशन्वित हैं। सुषमा स्वराज के साथ बातचीत के बाद मोदी की यात्रा को मूर्त रूप दिये जाने की उम्मीद है जिसमें उनकी तिब्बत स्थित कैलाश मानसरोबर की यात्रा शामिल है। अधिकारियों ने कहा कि सुषमा की यात्रा कुछ महत्वपूर्ण समझौतों को चरणबद्ध तरीके से लागू करने के साथ शुरू होगी जो शी की यात्रा के दौरान हुई थी। इसमें भारत में दो औद्योगिक पार्क में 20 अरब डालर के निवेश, भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण और चेन्नई..नई दिल्ली बुलेट ट्रेन कारिडोर की संभावना तलाशना शामिल है। दोनों पक्ष चीन में भारतीय आईटी और फर्मा क्षेत्र की बेहतर पहुंच सुलभ कराने की प्रतिबद्धता को लागू करने की समीक्षा भी कर सकते हैं। इसके साथ ही सुषमा की यात्रा से 18वें दौर की सीमा वार्ता को गति मिलेगी जिसमें भारत का प्रतिनिधित्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल करेंगे।
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