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एम.वेंकैया नायडू ने राज्यों से पूछा-आप स्मार्ट सिटी के लिए तैयार हैं

ABSLM - 30/01/2015

                        स्वच्छ भारत विषय पर डाक टिकट जारी करने के लिए डाक विभाग की प्रशंसा की 
शहरी विकास मंत्री श्री एम.वेंकैया नायडू ने आज नई दिल्ली में स्मार्ट सिटी के बारे में आयोजित "परामर्श कार्यशाला" में राज्यों से बेबाक रूप से पूछा कि क्या वे अपने-अपने शहरो, नगरों को स्मार्ट बनाने के लिए तैयार हैं? केन्द्र सरकार की योजना देश में एक सौ स्मार्ट सिटी बनाने की है। आवास मंत्रालय ने स्मार्ट सिटी योजना लागू करने से पहले राज्यों और सभी हितधारकों की राय जानने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया है।
कार्यशाला में श्री नायडू ने राज्यों तथा शहरी स्थानीय निकायों को प्रेरित करते हुए कहा कि उन्हें अपनी सोच को नया रूप देना होगा और शहरी प्रबंधन की ओर नजर डालनी होगी। ऐसा करके राज्य देश और देश के लोगों के हित में शुरू की जाने वाली स्मार्ट सिटी योजना को राज्य और शहरी स्थानीय निकाय सफल बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी का निर्माण चुनौतीपूर्ण कार्य है, लेकिन इसे किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि स्मार्ट सिटी का आधार '4एस' और '4पी'हैं। स्मार्ट नेतृत्व, स्मार्ट गवर्नेंस, स्मार्ट टेक्नोलॉजी और स्मार्ट लोग शहर को स्मार्ट बनाते हैं। उन्होंने कहा कि यदि हम 4पी- पब्लिक-प्राइवेट-पीपुल पार्टनरशिप को सफल बनाएंगे तो संसाधन की चुनौती से निपटा जा सकेगा।
4एस की व्याख्या करते हुए श्री नायडू ने कहा कि स्मार्ट नेतृत्व विजन और मिशन से निर्देशित होना चाहिए उसमें फौरी और कठोर निर्णय लेने का साहस होना चाहिए। उसे श्रेष्ठ व्यवहार अपनाना चाहिए और निवेश अकर्षित करना चाहिए। स्मार्ट गवर्नेंस टेक्नोलॉजी प्लेटफार्म अपनाकर पारदर्शिता और दायित्व सुनिश्चित कर सकता है और सेवाओं की ऑनलाइन डिलिवरी सुनिश्चित कर सकता है। स्मार्ट टेक्नोलॉजी से सक्षम ऊर्जा, यातायात ठोस कचरा तथा कचरे से धन प्रबंधन, रियल टाइम सूचना और सेवा डिलिवरी में मदद मिलेगी। लोगों को शहर के विकास में साझेदारी के लिए स्मार्ट बनना होगा और सेवाओं में मूल्यवर्धन के लिए उन्हें भुगतान के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी रहने लायक, काम करने लायक और समावेशी होंगे।
श्री वेंकैया नायडू ने कहा कि स्मार्ट सिटी बनाने में राज्यों तथा शहरी निकायों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। केन्द्र सरकार सहायक होगी और कुछ वित्तीय सहायता भी देगी। उन्होंन बताया कि स्मार्ट सिटी बनने कि इच्छुक शहरों को "सिटी चैलेंज" स्पर्धा में शामिल होना होगा। इसी स्पर्धा में शहरों की स्मार्ट सिटी बनने की क्षमता योग्यता का मूल्यांकन होगा।
श्री नायडू ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 67वीं पुण्य तिथि (शहीद दिवस) के अवसर पर स्वच्छ भारत विषय पर डाक टिकट जारी करने के लिए डाक विभाग की सराहना की। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता संग्राम में सत्याग्रह का उपयोग किया और आज देश और देश के लोगों को स्वच्छाग्रह की आवश्यकता है ताकि माहत्मा गांधी की 150वीं जयंती 02 अक्तूबर, 2019 तक देश को स्वच्छ बनाया जा सके।
श्री नायडू ने कहा कि संपूर्ण स्वच्छता समय की आवश्यकता है क्योंकि लोगों के स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ता है। उन्होंने बताया कि पर्याप्त स्वच्छता नहीं होने के कारण प्रत्येक वर्ष सकल घरेलू उत्पाद का 6.40 प्रतिशत यानी 54 बिलियन डालर का बोझ देश पर पड़ रहा है और प्रत्येक वर्ष डायरिया बीमारी से 18 लाख लोग मर रहे हैं। 80 प्रतिशत बीमारियां जल जनित हैं। 19 प्रतिशत शहरी घरों में शौचालय नहीं है और 13 प्रतिशत लोग खुले में शौच करते हैं।
उन्होंने कहा कि स्वच्छता के बारे में लोगों की मानसिकता बदलने के लिए व्यापक जागरुकता अभियान की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत विषय पर डाक टिकट जारी होने से इस काम में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि जागरुकता सृजन और अवसंरचना विकास के साथ-साथ संपूर्ण स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए दंड की भी व्यवस्था की जानी चाहिए।
शहरी विकास सचिव श्री शंकर अग्रवाल ने शहरी क्षेत्र के चार नए कार्यक्रमों- स्वच्छ भारत मिशन, स्मार्ट सिटी, पांच सौ शहरों में अवसंरचना विकास तथा विरासत विकास और योजना को मजबूत बनाने के बारे में जानकारी दी।
दो दिन की कार्यशाला में शहरी विकास मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, सभी राज्यों के प्रधान सचिव और सचिव, पालिका आयुक्त एवं विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं, कार्यशाला कल समाप्त होगी।

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