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प्रतियोगिता के आधार चयनित होंगे स्मार्ट शहर - श्री वेंकैया नायडू


केंद्रीय शहरी विकास, आवास तथा शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री श्री वेंकैया नायडू ने कहा कि नई शहरी पहलों के तहत शहरों और कस्बों की वित्तीय मदद के संबंध में अब पारंपरिक रवैया काम नहीं आएगा, बल्कि शहरी प्रशासन में सुधार और नई चुनौतियों पर खरे उतरने की शहरी स्थानीय निकायों की क्षमता के आधार पर किया जाएगा। श्री नायडू उत्तर भारत के नौ राज्यों (दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू व कश्मीर, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और राजस्थान) के 130 शहरों और कस्बों के निकाय आयुक्तों की ''शहरी शासन पर परामर्शदात्री कार्यशाला'' को संबोधित कर रहे थे। कार्यशाला जेएनएनयूआरएम के कार्यान्वयन के अनुभव के संबंध में नई शहरी पहल की मांगों और कार्यान्वयन मुद्दों के बारे में नगर निगम के आयुक्तों को जागरूक करने के मकसद से आयोजित की गई थी। मंत्री महोदय ने शहरी नियोजन, क्रियान्वयन और तेजी से शहरीकरण के प्रबंधन की कमियों पर कुछ मसौदा रखा और कहा कि कई मोर्च पर चीजों की हालत खस्ता है।

श्री वेंकैया नायडू ने बताया कि उनका मंत्रालय वर्तमान में 100 स्मार्ट शहरों और 500 शहरों व कस्बों के विकास जैसी योजनाओं में भाग लेने के लिए शहरों से सही उम्मीदवारों का चयन करने के उद्देश्य से एक 'सिटी चैलेंज' कार्यक्रम पर काम कर रहा है। नई पहल के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि इस योजना में भाग लेने वाले सभी शहरों और कस्बों को कुछ विशिष्ट मापदंडों जैसे प्रशासन में सुधार, संसाधन जुटाने, निष्पादन इत्यादि के मुद्दों का समाधान करने की क्षमता के आधार पर चयनित किया जाएगा। मंत्री महोदय ने भौगोलिक प्रसार के मुद्दे को संबोधित करते हुए कहा कि केवल योग्य को ही सहायता प्रदान की जाएगी। मंत्री ने जेएनएनयूआरएम के तहत सुधारों, निर्धारित लक्ष्य और संसाधन जुटाने को बढ़ावा देने के संबंध में अपेक्षाकृत निम्न प्रदर्शन करने को उल्लेखित किया। श्री नायडू ने जोर दिया कि मानसिकता और तरीकों में अमूलचूल बदलाव के जरिए तेजी से शहरीकरण को आर्थिक अवसर में परिवर्तित किया जा सकता है।

श्री वेंकैया नायडू ने शहरी क्षेत्रों में विभिन्न मामलों की वर्तमान भयावह स्थिति के लिए कुछ चीजें चिह्नित की। इसमें कमजोर शहरी शासन संरचना, चयनित और निर्वाचित शहरी प्रबंधकों के बीच फीका नेतृत्व, सूची प्रबंधन और संसाधन आधार की लचरता, कमजोर शहरी नियोजन और क्रियान्वयन, शहरी गतिशीलता का भयानक अनुभव, आवास की कमी, अपर्याप्त पानी व बिजली की आपूर्ति और ठोस कचरे के खराब प्रबंधन व सीवरेज का उपचार इत्यादि शामिल हैं।

सेवा मानकों के संदर्भ में श्री नायडू ने उल्लेखित किया कि प्रति दिन, प्रति व्यक्ति 135 लीटर पानी के मुकाबले सिर्फ 73 लीटर पानी आपूर्ति की जा रही है, सिर्फ 50 फीसदी परिवारों के पास पानी कनेक्शन है, सिर्फ 40 फीसदी में घरों में शौचालय की व्यवस्था है, 16 फीसदी सीवरेज का उपचार किया जा रहा है, सिर्फ 23 फीसदी ठोस कचरे का संग्रह और निपटान किया जा रहा है और सिर्फ 10 फीसदी शहरी कचरों का रीसाइक्लिंग किया जा रहा है।

शहरी पहल के लिए निवेश की जरूरत का जिक्र करते हुए श्री नायडू ने कहा कि अगले 20 वर्षों में बुनियादी ढ़ाचे के प्रावधान के लिए 40 लाख करोड़ रुपए की आवश्यकता है। इसके अलावा प्रचालन एवं शहरी उपयोगिताओं के रखरखाव के लिए करीब 20 लाख करोड़ रुपए की आवश्यकता है। इसके साथ ही 15 लाख करोड़ रुपए आवास की कमी को पूरा करने के लिए और 60 हजार करोड़ रुपए स्वच्छता के लिए आवश्यक है। मंत्री ने कहा कि इन सबके लिए कुल 1200 बिलियन अमेरिकी डॉलर की आवश्यकता है, इसका अधिकांश हिस्सा निजी स्त्रोतों से आएगा।

श्री वेंकैया नायडू ने प्रत्येक शहर के लिए निम्नलिखित 10 सूत्रीय चार्टर को सुनिश्चित करने के साथ शुरुआत करने का सुझाव दिया:

1. शहर मास्टर प्लान जहां बाकी हो और शहर स्वच्छता प्लान।

2. करीब 25 किलोमीटर की परिधि के क्षेत्र को ध्यान में रखकर जिला मुख्यालय के लिए दीर्घकालिक शहरी विकास योजनाएं।

3. दीर्घकालिक सिटी मोबिलिटी योजनाएं।

4. सौर और पवन ऊर्जा जैसे अक्षय ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने के लिए विशेष रणनीतिक शहर।

5. संसाधन आधार को बढ़ाने के लिए समय-समय पर पानी व बिजली मूल्य निर्धारण के लिए करों के मूल्यांकन और संशोधन की नियामक निकाय।

6. उपयुक्त स्रोतों से संसाधन जुटाने के लिए प्रत्येक शहर की ऋण पात्रता का आकलन करने के लिए आवश्यक पहल के आधार पर।

7. शहरों की जरूरत और लोगों की आकांक्षाओं के साथ भवन उपनियमों में संशोधन के द्वारा आवश्यक प्रावधानों के माध्यम से बड़े पैमाने पर जल संचयन और पानी की रीसाइक्लिंग को बढ़ावा देना।

8. शहरी नियोजन, निर्णय लेने और प्रबंधन में नागरिकों को बढ़ावा देना।

9. प्रमुख विषयों में क्षमता निर्माण।

10. आईसीटी प्लेटफार्मों के माध्यम से शहरी शासन में सुधार लाने के लिए विभिन्न सेवाओं की जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करना। इसके अलावा विभिन्न सुविधाओं का ऑनलाइन वितरण।  

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