प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विकास एजेंडा कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास व गंगा संरक्षण मंत्री सुश्री उमा भारती ने आज अपने आला अधिकारियों की टीम के साथ राज्य के मुख्यमंत्री श्री जीतन राम मांझी और राज्य के आला अधिकारियों से मुलाकात की।
राज्य में गंगा नदी में प्रदूषण कम करने के लिए सक्रिय केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास व गंगा संरक्षण मंत्रालय ने बिहार में बेउर और कर्माली चक पर एक-एक एसटीपी और एक-एक सीवेज नेटवर्क के निर्माण के लिए कुल 558 करोड़ रूपए की परियोजना की स्वीकृति प्रदान की है। सैदपुर में एक एसटीपी और एक सीवेज नेटवर्क के लिए केंद्र के स्तर पर कुल 453.56 करोड़ रूपए मंजूर किए जा चुके हैं।
पटना में गंगा नदी की धारा को तट तक लाने के लिए नदी की ड्रेजिंग को लेकर केंद्र सरकार लगातार सक्रिय है और शीघ्र ही इस पर अमल किया जाएगा ताकि शहर के तट तक गंगा का जल आ सके।
बिहार में अंतरराज्यीय नदियों को जोड़ने की परियोजना के तहत तीन लिंकों पर तेजी से कार्य चल रहा है जिनकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार हो चुकी है। इसके तहत पहला लिंक- बूढ़ी गंडक- नून बया-गंगा लिंक है जिसकी अनुमानित लागत 4214 करोड़ रूपए है। दूसरा लिंक- कोसी-मेची लिंक है जिसकी अनुमानित लागत 2903 करोड़ रूपए है। तीसरा लिंक-सकरी-नाटा लिंक है जिसकी अनुमानित लागत 572 करोड़ रूपए है।
जहां एक ओर बिहार का उत्तरी हिस्सा बाढ़ की चपेट में रहता है वहीं दूसरी ओर राज्य का दक्षिणी हिस्सा सूखे की चपेट में रहता है। कोसी पर कोई ऐसी परियोजना बने जिससे उत्तर में बाढ़ के प्रभाव कम किया जा सके और दक्षिण को पानी मिल सके। इसके लिए केंद्र सरकार की तरफ से राज्य को हरेक प्रकार का सहयोग देने का आश्वासन दिया।
केंद्रीय मंत्री ने भरोसा दिया है कि तीर्थ बोधगया में मोक्षदायिनी फल्गू नदी में प्रदूषण को समाप्त किया जाएगा।
राज्य में गंगा नदी में प्रदूषण कम करने के लिए सक्रिय केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास व गंगा संरक्षण मंत्रालय ने बिहार में बेउर और कर्माली चक पर एक-एक एसटीपी और एक-एक सीवेज नेटवर्क के निर्माण के लिए कुल 558 करोड़ रूपए की परियोजना की स्वीकृति प्रदान की है। सैदपुर में एक एसटीपी और एक सीवेज नेटवर्क के लिए केंद्र के स्तर पर कुल 453.56 करोड़ रूपए मंजूर किए जा चुके हैं।
पटना में गंगा नदी की धारा को तट तक लाने के लिए नदी की ड्रेजिंग को लेकर केंद्र सरकार लगातार सक्रिय है और शीघ्र ही इस पर अमल किया जाएगा ताकि शहर के तट तक गंगा का जल आ सके।
बिहार में अंतरराज्यीय नदियों को जोड़ने की परियोजना के तहत तीन लिंकों पर तेजी से कार्य चल रहा है जिनकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार हो चुकी है। इसके तहत पहला लिंक- बूढ़ी गंडक- नून बया-गंगा लिंक है जिसकी अनुमानित लागत 4214 करोड़ रूपए है। दूसरा लिंक- कोसी-मेची लिंक है जिसकी अनुमानित लागत 2903 करोड़ रूपए है। तीसरा लिंक-सकरी-नाटा लिंक है जिसकी अनुमानित लागत 572 करोड़ रूपए है।
जहां एक ओर बिहार का उत्तरी हिस्सा बाढ़ की चपेट में रहता है वहीं दूसरी ओर राज्य का दक्षिणी हिस्सा सूखे की चपेट में रहता है। कोसी पर कोई ऐसी परियोजना बने जिससे उत्तर में बाढ़ के प्रभाव कम किया जा सके और दक्षिण को पानी मिल सके। इसके लिए केंद्र सरकार की तरफ से राज्य को हरेक प्रकार का सहयोग देने का आश्वासन दिया।
केंद्रीय मंत्री ने भरोसा दिया है कि तीर्थ बोधगया में मोक्षदायिनी फल्गू नदी में प्रदूषण को समाप्त किया जाएगा।
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