ABSLM -09/04/2014
मानव संसाधन विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी ने आज यूनेस्को के सहयोग से मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित एक समारोह में वर्ष 2015 सबके लिए शिक्षा वैश्विक निगरानी रिपोर्ट जारी की। 2015 वैश्विक निगरानी रिपोर्ट "सबके लिए शिक्षा 2000-2015 चुनौतियां और उपलब्धियां'' विषय पर आधारित है।
श्रीमती ईरानी ने सबके लिए शिक्षा के लक्ष्य के लिए वैश्विक प्रगति में सहयोग के रूप में भारत द्वारा बच्चों के स्कूलों से बाहर रहने की संख्या में कमी लाने और प्रारंभिक स्तर पर लिंग समानता के लक्ष्य प्राप्ति पर प्रकाश डाला है। उन्होंने सरकार द्वारा शिक्षा को राष्ट्र चरित्र निर्माण के एक स्तम्भ के रूप में प्रयोग करते हुए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रौद्योगिकी के विकास के बारे में हाल ही में उठाए गए कदमों पर भी चर्चा की।
2014 के नोबेल पुरस्कार विजेता और बाल श्रम के खिलाफ वैश्विक मार्च के अध्यक्ष श्री कैलाश सत्यार्थी ने शिक्षा से वंचित बच्चों तक पहुंचने की चुनौतियों के मुद्दे पर प्रकाश डाला। समारोह में संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून का एक संक्षिप्त वीडियो संबोधन भी प्रस्तुत किया गया। जिसमें उन्होंने सबके लिए एक बेहतर भविष्य निर्माण के वास्ते शिक्षा की ताकत को समझने के लिए देशों का आह्वान किया। वैश्विक निगरानी रिपोर्ट के निदेशक श्री एरोन बेनेवट द्वारा की गई प्रस्तुति में जहां एक ओर तथ्यों की जानकारी दी गई वहीं सबके लिए शिक्षा के अधूरे एजेंडे की ओर संकेत करते हुए स्कूल से बाहर रहने वाले बच्चों की संख्या में खासी कमी लाने, प्राथमिक स्तर पर बच्चों के दाखिले में वृद्धि और बालिकाओं के बढ़चढ़ कर भाग लेने वाले प्रोत्साहित करने वाले आकंड़ों पर भी प्रकाश डाला गया है।
इस अवसर पर राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के सहयोग से एक प्रदर्शनी भी आयोजित की गई जिसका विषय "शेपिंग द फ्यूचर एज्यूकेशन एजेंडा" था।
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