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सिंगीकाट मौहल्ले में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं अभियान

ABSLM -सिरसा, 27 अप्रैल 2015

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सौजन्य से चत्तरगढ़ पट्टी के सिंगीकाट मौहल्ले में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं अभियान के अंतर्गत बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 व माता पिता का बच्चों के प्रति कर्तव्य के प्रति जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर एडवोकेट पवन बेरवाल व पैरालीगल वालेंटियर श्री नरेश कुमार ग्रोवर ने मौहल्ले में पुरूषों, महिलाओं व बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक किया। श्री ग्रोवर ने बताया कि वर्ष 2009 में शिक्षा का अधिकार अधिनियम बनाया गया।
जिसके अंतर्गत 6 वर्ष से 14 वर्ष तक के बच्चों को निशुल्क व अनिवार्य शिक्षा प्रदान की गई है। उन्होंने बताया कि जिसके अंतर्गत हर माता पिता का कर्तव्य बनता है कि वह अपने बच्चों को स्कूल तक पहुंचाएं, कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रह पाए।
इस अधिनियम के अंतर्गत बच्चों को निशुल्क मिड-डे-मील, वर्दी, पुस्तके , स्टेशनरी व सरकार द्वारा निर्धारित अनुसूचित जाति व पिछड़े वर्ग के बच्चों को आर्थिक सहायता दी जाती है।
अत: माता पिता का यह कर्तव्य बन जाता है कि वह अपने बच्चों को शिक्षा से वंचित न रख पाएं तथा अपनी बेटियों को वे अधिकार दे जो बेटो को देते हैं क्योंकि बेटियां यदि बच पाएगी तो सुन्दर स्वर्ग बनाएगी और यदि बेटियां पढ़ेगी तो वे दोनों जहान को आगे बढ़ाएगी।
    इस अवसर पर पूरे मौहल्ले बेेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ व 'बेटी है कुदरत का उपहार, जीने का दो इसको अधिकारÓ आदि नारों से प्रेरणा पा कर यह शपथ ली कि वे बेटियों को पढ़ाएंगे और वे उनको सक्षम बनाकर अपने पैरो पर खड़ा करेंगे। ऐडवोकेट श्री पवन बेरवाल ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा चलाए जा रहे मुफ्त कानूनी सहायता के बारे में विस्तार से बताया और उन्होंने अभिभावकों से आग्रह किया कि उन्हें विद्यालय सम्बंधी कोई भी समस्या होती है तो वे निशुल्क कानूनी जानकारी ले सकते हैं।
    इस मौके पर चत्तरगढ़ पट्टी के सरपंच ने बताया कि इस गांव में एक हजार लड़कों के पीछे 1005 लड़कियों है तो कि बैहतरीन स्थिति में है और आगे भी लड़कियों को बचाने में प्रयासरत: रहेंगे।

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