17/04/2014
सिरसा(प्रैसवार्ता)। देश के राजनीतिक इतिहास में छह राजनीतिक दलों के जनता परिवार में विलय ने भाजपा की नींद उड़ा दी है, क्योंकि जनता परिवार में शामिल हुए राजनीतिक दलों का पांच राज्यों में भारी असर है। राज्यसभा में भी आंकड़े की कमी झेल रहे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के लिए जनता परिवार सिर दर्दी पैदा करेगा, जिसकी सदस्य संख्या तीस है। वहीं नई पार्टी का लोकसभा में सीट प्रतिशत 7.06 है। आंकड़ों को देखते हुए लगता है कि जनता परिवार को राष्ट्रीय दल के रूप में मान्यता मिलेगी। राष्ट्रीय दल की मान्यता के लिए लोकसभा की कुल सीटों का दो प्रतिशत और उसके सदस्यों को कम से कम तीन अलग-अलग राज्यों से चुनकर आना जरूरी है। जनता परिवार के निशाने पर फिलहाल भाजपा ही है। दूसरी तरफ भाजपा इसे बिखरे तथा जनता द्वारा नकारे निराशाजनक दल बता रही है। भाजपा दावा करती है कि इन नेताओं के अंदरूनी मतभेद अभी से उभरने लगे है और अन्य मोर्चों की तरह जल्द ही इसका अस्तित्व भारतीय राजनीतिक मानचित्र से गायब हो जाएगा।
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