abslm 30/04/2015
स्वच्छ भारत अभियान पर मुख्यमंत्रियों के उप-समूह की पहली बैठक आज नीति आयोग, नई दिल्ली में आयोजित की गई। उप-समूह का गठन 08 फरवरी, 2015 को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में नीति आयोग की प्रशासनिक परिषद की पहली बैठक में लिए गए फैसले के अनुसार किया गया था। उप-समूह में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, बिहार, दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र, मिजोरम, सिक्किम, पश्चिम बंगाल और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री सदस्य के रूप में शामिल हैं।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री चन्द्रबाबू नायडू ने आज उप-समूह की बैठक में संयोजक के रूप में भाग लिया। बैठक में कर्नाटक के मुख्यमंत्री श्री सिद्धरमैया और हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर भी उपस्थित थे। उप-समूह सदस्य राज्यों के अन्य प्रतिभागियों में आंध्र प्रदेश के नगरपालिका प्रशासन और शहरी विकास मंत्री श्री पी. नारायण, उत्तराखंड के वन एवं वन्यजीव, न्याय, कानून और खेल मंत्री श्री दिनेश अग्रवाल, दिल्ली के पर्यावरण एवं वन मंत्री श्री असीम अहमद खान और महाराष्ट्र के शहरी विकास मंत्री श्री रंजीत पाटिल शामिल हैं। बैठक में अन्य उप-समूह सदस्य राज्य - पश्चिम बंगाल, बिहार, सिक्किम और मिजोरम के वरिष्ठ अधिकारी के अलावा नीति आयोग के सदस्य श्री वी.के. सारस्वत और श्री बायबेक देबराय और नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। नीति आयोग की कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) श्रीमती सिंधुश्री खुल्लर ने उप-समूह के समन्वयक के रूप में बैठक में भाग लिया।
उप-समूह ने स्वच्छ भारत अभियान के लिए देश और विदेश में प्रचलित बेहतरीन तरीकों और तकनीकों के बारे में विचार-विमर्श किया। नीति आयोग की सीईओ के नेतृत्व में एक कार्यकारी दल का गठन किया गया, जिसमें उप-समूह सदस्य-राज्यों का एक-एक सदस्य होगा। बैठक में फैसला किया गया कि उन राज्यों से भी स्वच्छता अभियान के बेहतर तौर-तरीकों और तकनीकों के बारे में जानकारी ली जाए, जो उप-समूह के सदस्य नहीं है। सदस्यों ने ठोस और तरल अपशिष्ट के प्रबंधन और बदलते व्यावहारिक तरीकों पर भी बातचीत की। यह कहा गया कि स्वच्छ भारत अभियान कार्यक्रमों को सतत आंदोलन के रूप में चलाया जाए। मुख्यमंत्रियों के उप-समूह के संयोजक श्री एन.चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि उप-समूह को इस कार्यक्रम के लिए वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कार्य करना चाहिए। मुख्यमंत्रियों की उप-समूह की अगली बैठक मई के मध्य में चंडीगढ़ में होगी। इसके लिए संबंधित केन्द्रीय मंत्रालयों के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जाएगा। उप-समूह जून 2015 के अंत तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।
स्वच्छ भारत अभियान पर मुख्यमंत्रियों के उप-समूह का गठन 09 मार्च, 2015 को किया गया था। उप-समूह के कार्य में अभियान के समेकित कार्यान्वयन के लिए वित्तीय आवश्यकताओं की जांच करना और बजटीय जरूरतों को पूरा करने के तरीके सुझाना शामिल है। प्रभावी कार्यान्वयन के लिए त्वरित संस्थागत प्रक्रियाओं की सिफारिश करना भी आवश्यक है। उप-समूह ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन सहित अभियान के विभिन्न अवयवों के लिए तकनीकी सहायता के तरीके सुझाएगा। उप-समूह को स्वच्छ भारत अभियान में निजी क्षेत्र की प्रतिभागिता के लिए मॉडल की जांच करने और प्रभावी कार्यान्वयन के लिए निजी क्षेत्र तथा नागरिक सामाजिक संगठनों की प्रतिभागिता के तरीके सुझाने को भी कहा गया। 02 अक्टूबर, 2014 को गांधी जयंती के दिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किया गया स्वच्छ भारत अभियान का लक्ष्य महात्मा गांधी की 150वीं जयंती 2019 तक देश को खुले में शौच से मुक्त करना है।
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