ABSLM 09/04/2015
केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री श्री एम वेंकैया नायडू ने मेट्रो रेल परियोजनाओं को सुरक्षा क्लीयरेंस मिलने में होने वाली देरी पर चिंता व्यक्त की है। श्री नायडू ने आज उन मेट्रो परियोजनाओं की समीक्षा की जो कुछ समय पहले ही पूरी हुई हैं लेकिन सुरक्षा क्लीयरेंस नहीं मिलने के कारण उन्हें अब तक इस्तेमाल में नहीं लाया जा रहा है। रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष, नागर विमानन, शहरी विकास सचिव, रेलवे सुरक्षा के मुख्य आयुक्त, दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के मुख्य प्रबंध निदेशक, डीएमआरसी के पूर्व मुख्य प्रबंध निदेशक श्री श्रीधरन और संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों ने विचार-विमर्श में भाग लिया।
श्री वेंकैया नायडू ने कहा कि जयपुर रेलवे ने अगस्त 2014 में सुरक्षा क्लीयरेंस मांगी थी लेकिन उसे अभी तक नहीं मिली है। इसी तरह चैन्नई मेट्रो ने भी अगस्त में चलने के लिए रोलिंग स्टॉक की क्लीयरेंस मांगी थी जो अभी मिलनी बाकी है।
श्री श्रीधरन ने कहा कि दिल्ली मेट्रो परियोजनाओं के पहले और दूसरे चरण में कोई देरी नहीं हुई थी और यह समस्या 2009 में मेट्रो रेलवे अधिनियम में संशोधनों से बढ़ गई जिसमें सुरक्षा के मुद्दों पर सूक्ष्म प्रबंधन के कारण देरी हो रही है।
बैठक में दिल्ली मेट्रो के मंडी हाउस-आईटीओ सेक्शन के लिए सुरक्षा प्रमाणपत्र के बारे में भी चर्चा हुई। श्री वेंकैया नायडू ने सभी संबंद्ध पक्षों से कहा कि वे मेट्रो परियोजनाओं के लिए समय पर सुरक्षा क्लीयरेंस सुनिश्चित करने के उपायों को अंतिम रूप देने के लिए एक बार बैठक करें।
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