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ABSLM-  चंडीगढ़, 6 मई2015 

हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं सिरसा लोकसभा क्षेत्र से पूर्व सांसद डॉ. अशोक तंवर ने कहा है कि प्रदेश सरकार का गेहूं उठान में मदद न करने वाले आढ़तियों के लाइसेंस रद्द करने का फैसला तानाशाही है। सरकार को चाहिए कि वह अधिकारियों और खरीद एजेंसियों को सक्रिय करे ताकि गेहूं की खरीद और उठान समय पर हो सके।
यहां जारी एक बयान में डॉ. तंवर ने कहा कि किसान तो मौसम की मार से पहले ही परेशान थे। सरकार ने उन्हें उचित भाव देना तो दूर गिरदावरी के नाम पर भी परेशान करने का काम किया है। मंडियों से गेहूं का उठान नहीं हो पा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर एक हफ्ते के भीतर मंडियों से सारा गेहूं नहीं उठान हुआ तो कांग्रेस प्रदेशभर में सरकार के खिलाफ आंदोलन करेगी। 
डॉ. तंवर ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा किसान की मदद की है और आज संकट की घड़ी में कांग्रेस किसानों के साथ है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार झूठ की बुनियाद पर टिकी हुई है। भाजपा ने पंजाब के समान वेतनमान, बेरोजगारों को भत्ता, स्कूलों में अच्छी शिक्षा और हर वर्ग के लिए झूठे वादे करके सत्ता हथियाई लेकिन वह खजाना खाली होने का रोना रोकर अब पिंड छुड़ाना चाहती है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि जिस ई-दिशा राजीव गांधी सेवा केंद्र, पंचायतों के लिए ब्रॉड बैंड सेवा और अन्य चीजों को अपनी उपलब्धि बताकर भाजपा सरकार अपनी पीठ ठोक रही है, वे सब कांग्रेस के कार्यकाल में हुए निर्णय हैं। डॉ. तंवर ने कहा कि सीएम विंडो लोगों के लिए आपसी झगड़ों का केंद्र बनकर रह गया है जबकि इसमें आने वाली सभी शिकायतों पर विशेष कार्रवाई नहीं हो रही। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के गलत निर्णयों के खिलाफ वे संघर्ष करते रहेंगे और इसके लिए जेल भी जाना पड़ा तो उन्हें अफसोस नहीं होगा। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में सड़कों का बुरा हाल है, गर्मी का सीजन होने के बावजूद बिजली-पानी का उचित प्रबंध नहीं है। 
मंडियों में किसान दुखी हैं और बाजार में व्यापारी परेशान हैं। मंदी के भयानक दौर से देश गुजर रहा है और देश के प्रधानमंत्री विदेशी दौरों में व्यस्त हैं। उन्हें चाहिए कि प्रदेश सरकार के गलत फैसलों में हस्तक्षेप करें ताकि आम जनता को दुखी न होना पड़े। एक साल में देश को अच्छे दिनों का सपना दिखाने वाली सरकार ने पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाने, गैस सब्सिडी पर टैक्स लगाने, लोगों को समय पर न्याय न देने और गरीब का गला घोंटने का ही काम किया है।
पूंजीवादी व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए मेक इन इंडिया जैसी नीतियां लागू की जा रही हैं और श्रम कानूनों को श्रमेव जयते जैसे कानूनों की आड़ में खत्म किया जा रहा है। भाजपा सरकार के पूंजीवाद और नव उदारवाद के कारण गरीब और पिसता चला जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार को 100 करोड़ गरीब भारतीयों के कल्याण की नीतियां बनानी चाहिए न कि अभिजात वर्ग की गोद में बैठकर निर्णय लेने चाहिए। 

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