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पेड़ों की छांव तले रचना पाठ के तत्वाधान में बाल मौलिक रचना पाठ प्रतियोगिता -2015 सम्पन्न

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वैशाली , गाजियाबाद 29 नवंबर 2015, आज यहाँ “पेड़ों की छांव तले रचना पाठ” के अंतर्गत 14वीं साहित्य गोष्ठी वैशाली गाजियाबाद स्थित हरे भरे मनोरम सेंट्रल पार्क सेक्टर चार में सम्पन्न हुई  । हिन्दी साहित्य से संबन्धित अभिनव प्रयोग की यह श्रंखला प्रत्येक माह के अंतिम रविवार के अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम अनुसार ही आज मध्यान्ह उपरांत 3 बजे से प्रारंभ हुई। इस बार का यह साहित्यिक गोष्ठी अपने बाल –गोपाल की सृजनात्मकता को समर्पित रही थी। पेड़ों की छांव तले रचना पाठ के तत्वाधान में बाल मौलिक रचना पाठ प्रतियोगिता -2015 में 8 वर्ष से 15 वर्ष तक की उम्र के 22 बालक –बालिकाओं ने इसमें सम्मालित होकर बाल प्रतिभा का परिचय दिया।

बच्चों द्वारा पढ़ी जाने वाली रचनाएँ मौलिक रहीं जिसमें पर्यावरण , देशभक्ति, माँ विषय प्रमुखता से रहे जबकि कुछ बाल रचनाएँ नवीन और सामयिक विषयों पर थी । उदीयमान बाल कवियों और कहानिकारों द्वारा भृष्टाचार ,कलाम और सामाजिक ताने बाने से जुड़ी रचनाएँ प्रभावित कर गईं जिनसे उनके भावी सृजन की दिशा स्पष्ट हुई ।

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रख्यात बाल साहित्यकार लेखक व प्रोफेसर दिविक रमेश ने बच्चों को लेखन की बारीकियों के साथ अपनी कहानी ‘लूलू की सनक” को सुनाया वहीं बाल रचनाकारों को मौलिकता के साथ लेखन की टिप्स देते हुए उनको लीक से हट कर नए विषयों के चुनाव करने की बात वरिष्ठ बाल साहित्यकार व नेशनल बुक ट्रस्ट से संबन्धित श्री पंकज चतुर्वेदी ने कही । कवि रत्न व्योवृद्ध नरेंद्र सिंह होशियारपुरी ने बच्चों को रचना पाठ की बारीकिया बताई । इस अवसर पर डिजिटल इंडिया से संबन्धित कार्यों में संलग्न सौरभ शुक्ल तथा बाल मनोविज्ञान तथा सामाजिक मूल्यों के लिए समर्पित नितीश ढींगरा ने बच्चो को आशीर्वाद देकर उनका उत्साह वर्धन किया ।

गोस्ठी का सफल संचालन लेखक समीक्षक रघुवीर शर्मा ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डा०वरुण कुमार तिवारी ने कहा की “पेड़ों की छांव तले रचना पाठ” कार्यक्रम दुनिया के दिखावे से दूर और वर्तमान आयोजन संबंधी तमाम खर्चों से परे विशुद्ध साहित्यक आयोजन है जिसमें निसंदेह पुराने रचनाकारों का लेखन परिमार्जित होगा और स्वस्थ आलोचनाओं से नए लेखको और नए रचनाकारों को दिशा मिलेगी । बाल मौलिक रचना पाठ प्रतियोगिता इस दिशा में एक पहल है।

प्रारम्भ में कार्यक्रम बाल रचनाकार आर्यन ने पुष्प गुच्छ देकर वरिष्ठ अतिथि पंकज चतुर्वेदी का स्वागत किया वहीं स्थानीय पार्षद श्रीमती नीलम भरत्वाज ने मुख्य अतिथि दिविक रमेश का स्वागत किया । गोस्ठी के समापन पर आभार व्यक्त करते हुए इस गोस्ठी के संयोजक कवि लेखक अवधेश सिंह ने इस गोष्ठी की निरंतरता को बनाए रखने का अनुरोध करते हुए सबको धन्यवाद दिया ।

सभी बाल रचनाकारों को प्रमाण पत्र ,किताबों से भरे फोल्डर आदि देकर सम्मानित किया गया , इस अवसर पर परिंदे पत्रिका के ठाकुर प्रसाद चौबे , लोक जागृति पत्रिका के संतोष कुमार मिश्रा ,अखिल भारतीय स्वतंत्र लेखक संघ के लक्ष्मण सिंह, स्वतंत्र एडवोकेट विपिन शर्मा ,शुभम अग्रहरी आदि की उपस्थिती उल्लेखनीय थी 

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