प्रकाशित: 08 जनवरी 2016
नई दिल्ली। 24वां नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 9 जनवरी 2016 से शुरू हो रहा
है। यह घोषणा एनबीटी के अध्यक्ष, श्रीबलदेव भाई
शर्मा द्वारा आज कांस्टीट्यूशन क्लब, नई दिल्ली में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में की गई। उन्होंने कहा कि इसवर्ष मेले
में चीन विशिष्ट अतिथि देश होगा। प्राचीन काल से ही भारत तथा चीन के सांस्कृतिक
संबंध आत्मीय रहे हैं वआज भी उष्मा के साथ बने हुए हैं। मुझे आशा है कि नई दिल्ली
विश्व पुस्तक मेला पुस्तकों के माध्यम से दोनों देशों में परस्पर सांस्कृतिक संबंधों को सुदृढ़ करने में सहायक सिद्ध
होगा। श्री शर्मा ने यह भी
बताया कि इस वर्ष मेले की थीम `भारत की
सांस्कृतिक धरोहर' है जिसे पुस्तकों
के जरिये पाठकों केबीच प्रस्तुत किया जाएगा। थीम मंडप में प्राचीन काल से वर्तमान
तक की सांस्कृतिक यात्रा को भोज-पत्र से ई-बुक्स तकप्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने
कहा कि थीम पैवेलियन में अनेक कार्यक्रम आयोजित किया जाएंगे जिनमें पैनल चर्चाएं,जयदेव के गीतगोविंद, सिंधी ग्रंथ, शाह जो रसालो व विद्यापति की रचनाओं जैसे भारतीय शास्त्राrय ग्रंथों पर आधारितनाट्य प्रदर्शन आदि शामिल
हैं।श्री शर्मा ने यह भी बताया कि माननीया मंत्री, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, श्रीमतीस्मृति जूबिन इरानी के विशेष सहयोग से एनबीटी द्वारा
नए लेखकों को प्रोत्साहित करने के लिए `नवलेखन पुस्तकमाला'नाम से एक नई
पुस्तकमाला की शुरुआत भी की गई है।एनबीटी की निदेशक, डॉ. रीता चौधरी ने नई दिल्ली विश्वपुस्तक मेले में विशिष्ट
अतिथि देश के रूप में चीन का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि मेले में
पुस्तक-प्रेमियों, लेखकोंतथा
प्रकाशकों के लिए 500 से अधिक
साहित्यिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। मेले में प्रख्यात लेखक जैसेनामवर
सिंह, चित्रा मुद्गल, चंद्रकांता आदि पुस्तक-प्रेमियों के साथ संवाद
करेंगे।
आईटीपीओ की विशेष कार्य अधिकारी, सुश्री मीनाक्षी सिंह ने कहा कि मेले में आगंतुकों की
सहायता के लिए पर्याप्तसंख्या में शटल सेवा उपलब्ध होगी तथा वरिष्ठ नागरिकों के
लिए भी विशेष व्यवस्था होगी।
विशिष्ट देश चीन का प्रतिनिधित्व कर रहीं सुश्री लिन लिइंग
ने कहाöहमें प्रसन्नता है कि
वर्ष 2010 में भारत द्वाराबीजिंग
अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेले में अतिथि देश के रूप में भाग लिया गया था तथा छह वर्ष
बाद हम यहां अतिथि देश केरूप में आए हैं। हमें आशा है कि इसके माध्यम से हम अपने
परस्पर संबंधों को और अधिक मजबूत कर सकेंगे।उन्होंनेयह भी बताया कि प्रकाशकों,
लेखकों तथा अधिकारियों सहित 81 प्रकाशन गृहों तथा संगठनों से 255 प्रतिनिधि मेले मेंभाग लेंगे। चीन मंडप में
अंग्रेजी, चीनी तथा हिन्दी भाषा में
पांच हजार से अधिक पुस्तकें प्रदर्शित की जाएंगी।
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