भिवानी, 21 फरवरी 2016
गुरू रविदास भक्ति-कालिन युग की धारा के अग्रज संत एंव आलौलिक महापुरूष थे। उन्होनें मानव जाति को झूठ, आडम्बरों से दूर रहकर सत्य की राह पर चलने और सदैव उच्च आदर्शों के अनुरूप जीवन जीने का संदेश दिया। गुरू रविदास ने निष्काम भाव से कार्य करने का उपदेश दिया। ये उद्गार प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता अशोक बुवानीवाला ने आज गुरू रविदास जयंती के अवसर पर स्थानीय बावडी गेट स्थित रविदास मंदिर में आयोजित समारोह में कहें।
कार्यक्रम का शुभारंभ गुरू रविदास जी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर किया गया। बुवानीवाला ने कहा कि गुरू रविदास जी के उपदेश आज भी सार्थक और प्रेरणादायक है, जो मानव जाति को सही राह दिखाते है। गुरू रविदास किसी एक वर्ग के नही थे बल्कि सभी वर्गो के सांझे थे। राष्ट्र को 14वीं सदीं में जो संदेश गुरू रविदास जी ने दिया वह आज भी सार्थक है। उन्होंने जाति-पाति के भेदभाव को समाप्त करते हुए भाईचारा व अमन का संदेश पूरी दुनिया को दिया। आज के माहौल में जब देशभर में अफरा तफरी का वातावरण है। एक जाति दुसरी जाति की दुश्मन है। धर्म के नाम पर आस्थावान लोग स्थलों की लड़ाई लड़ रहे हैं ऐसी स्थिति में गुरू रविदास जी के संदेश सार्थक एवं उपयोगी लगते हैं। बुवानीवाला ने हरियाणा व दिल्ली में हाल ही में घटित घटनाओं पर दु:ख प्रकट करते हुए कहा कि संतों की भूमि पर इस तरह की मारकाट संतों के बताएं संदेश को भी दुषित कर रही है। बुवानीवाला ने कहा कि निर्गुण संत परम्परा के अग्रिम संतो में कबीर, दादू, पीपा, नानक, मंलुक, धन्ना जैसे समकालिन संतों का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने विश्व में अमन व शांति का प्रकाश फै लाया।
बुवानीवाला ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को गुरू रविदास जी के बताए हुए मार्ग पर चलना चाहिए। बुवानीवाला ने आज के माहौल में शांति बनाएं रखने की अपील भी की। समारोह के उपरांत ध्वजारोहण भी किया गया। इस अवसर पर राधेश्याम बुवानीवाला, रविदास जन कल्याण समिति के प्रधान विजय सरोहा, विजय सिंहमार, सुनील, सुबे, लवली, रणबीर फौजी, सतीश, जगदीश सरोहा, विजय कुमार, रमेश भौैैणा, भगत कली राम, संदीप करनैल सिंह, सतीश नरवाल, रतन लाल, राहुल, पुनीत, सरोहा, संजय सरोहा सहित अनेक व्यक्ति उपस्थित थे।
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