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परमात्मा के नाम को अपने भीतर से एक क्षण के लिए भी अलग नहीं करना चाहिये

ABSLM 12/2/2016 
Ashok Buwaniwala
भिवानी। परमात्मा के नाम को अपने भीतर से एक क्षण के लिए भी अलग नहीं करना चाहिये। केवल रामनाम का स्मरण करके ही साधक अपने मनोरथों को पूर्ण कर सकता है। यह उद्गार श्री दादू पंथाचार्य श्रीश्री 1008 गोपालदास जी महाराज ने आज स्थानीय पतराम गेट स्थित श्री दादू मंदिर में सत्संग कार्यक्रम के दौरान कहें। श्रीदादू पंथाचार्य गोपाल दास जी महाराज आज अपने दो दिवसीय कार्यक्रम के तहत भिवानी पहुंचे थे। शहर में आगमन पर उनका पुष्प वर्षा व गाजे-बाजे के साथ भव्य स्वागत किया गया। उपस्थित श्रद्धालुओं को रामनाम का महत्व बताते हुए उन्होंने कहा कि राम नाम ही परमात्मा का प्रतिरूप है परमात्मा को किसी ने देखा तो नहीं है पर इसकी अनुभूति राम नाम के माध्यम से हो सकती है। राम नाम से ही जीवन सुखद व समृद्धिशाली हो सकता है और पराभक्ति में जीवात्मा समा सकती है। आचार्यश्री ने बताया कि वर्तमान में कलयुग है तो कई साधक हमारे पास भी मनोरथों की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते है तो हम तो केवल एक ही बात बताते है अर्थात जिस साधक के हृदय में राम नाम धन है, उसे इस संसार में कोई गरीब नहीं कह सकता। उसके पास तो सदा अष्ट सिद्धियां नवनिधियां सन्मुख हमेंशा साथ रहती है। दादूपीठाचार्य गोपालदास जी महाराज ने कहा कि भगवान भावनाओं में विराजते है। परमात्मा को श्रद्धा से पाया जा सकता है व सद्गुरू की वाणी अमृत वाणी है। उन्होंने कहा कि समर्पण की भावना से जीना जीवन का सार्थक उद्देश्य है। मनुष्य जो कर्म करें वह क्रियामान होते है। मानव को कर्मों का फल तो भोगना ही पड़ता है हमें जन्म कर्मों के फल के अनुसार मिलता है। अत: हमें अपने गुरूओं के बताये हुए मार्ग पर चलना चाहिये। इस अवसर पर महंत श्री रामदत्त शास्त्री अलेवा, महंत दौलत राम जी, महंत रामनिवास जी मोखरा, महंत जगदीश जी सावड़, महंत मोहन दास जी समचाना, महंत सत्यनारायण जी पेठवाड़, महंत नारायण दास जी देवगुड़ा, महंत केशव दास जी पुठी, संत बालक दास जी, संत ज्ञान दास जी, संत छोटूराम जी, संत रामदास जी, अखिल भारतीय श्री दादू सेवक समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक बुवानीवाला, दीन दयाल सिंघल, रघुनंदन सिंघल, जगनन्दन सिंगला, ज्ञानदास, घनश्याम दास, सचिन सिंगला, नीरज सिंगला, संदीप झिझारिया, सुभाष नौन्दिया, अरविंद नौन्दिया, राजेश जैन, सोहनलाल अग्रवाल, रमन अग्रवाल, सुभाष छाबड़ा, घनश्याम बुवानीवाला, बजरंग लाल चौधरी, विश्वनाथ सुगला, राधेश्याम बुवानीवाला, किशनलाल बुवानीवाला, सांवरमल बुवानीवाला, कमलेश चौधरी सहित अनेक श्रद्धालु मौजुद थे।

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