सिरसा, 22 मार्च 2016
समाजसेवी अमित सोनी ने केंद्र सरकार द्वारा स्वर्णाभूषण की खरीद पर एक्साइज ड्यूटी लगाने के निर्णय की कड़ी आलोचना करते हुए इसे अविलंब वापस लेने की मांग की है। मंगलवार को जारी बयान में सोनी ने कहा कि पिछले करीब 18 दिनों से देशभर में स्वर्णकारों पर लादे गए इस काले कानून के कारण इस वर्ग के घरों में चूल्हा तक जलना मुश्किल हो रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब विपक्ष में थे तो उन्होंने स्वर्णकारों पर एक्साइज ड्यूटी लगाने का पुरजोर विरोध किया था मगर सत्ता में आने के बाद वे इस विरोध को भूल गए और स्वर्णकारों पर एकसाइज ड्यूटी लगाकर उनकी रोजी रोटी छीनने पर आमादा हो गए। उन्होंने कहा कि इस लादे गए कानून की विभिषिका ये है कि स्वर्णकार पिछले काफी दिनों से इस काले कानून को वापस करवाने को लेकर लगातार पूरे देश में हड़ताल पर हैं और साथ ही क्रमिक भूख हड़ताल भी जारी है मगर सरकार इस दिशा में पूरी तरह से उदासीन हो चुकी है।
सरकार के इस फैसले से स्वर्णकारों का कारोबार पूरी तरह से ठप हो चुका है और उनके परिवार भूख से लडऩे पर बाध्य हैं। उन्होंने कहा कि इस कानून को लागू करने से महज भ्रष्टाचार को ही बढ़ावा मिलेगा जबकि सरकार दूसरी ओर भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन शासन देने की दुहाई देती है।
अमित सोनी ने कहा कि भाजपा सत्तारूढ़ होने से पूर्व अच्छे दिनों के आने का दावा करती थी मगर ये अच्छे दिन अब दिवास्वप्र ही बनकर रह गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर भिन्न-भिन्न मतों का प्रचार कर स्वर्णकार समाज की एकता अखंडता को विभाजित करने पर आमादा है मगर पूरा समाज एकजुट है और अपने ऊपर थोंपे गए इस काले कानून को वापिस करवाकर ही दम लेगा। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार अपनी हठधर्मिता छोड़कर इस फैसले को वापस नहीं लेती तब तक स्वर्णकार समाज एकजुटता के साथ इसका पुरजोर विरोध करते रहेंगे।
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